सार
नई दिल्ली: डीआरडीओ के डायरेक्टर जनरल (डीजी) डॉ. बी के दास ने एशियानेट न्यूज़ को बताया कि तीसरी पीढ़ी की टैंक भेदी मिसाइल नाग मार्क 2 (Nag Mark 2) का परीक्षण काफी चुनौतीपूर्ण था। इस परीक्षण की सफलता से रक्षा क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र को नई तकनीक प्रदान करने के लिए अनुसंधान जारी है और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के सहयोग से इसे आगे बढ़ाया जा रहा है।
यह एक चुनौतीपूर्ण परीक्षण था, जिसमें कम दूरी पर भी सटीक निशाना साधना महत्वपूर्ण था, और हम इसमें कामयाब रहे। डॉ. बी के दास ने स्पष्ट किया कि नई तकनीक से रक्षा क्षेत्र को मजबूत करके भारत को विश्व शक्ति बनाने का प्रयास है।
भारत की नाग मार्क 2 एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का परीक्षण राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में सफलतापूर्वक किया गया। यह तीसरी पीढ़ी की टैंक भेदी मिसाइल है, जिसे भारत ने स्वदेशी रूप से विकसित किया है। इसके तीन फील्ड ट्रायल पहले ही सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं। डीआरडीओ अधिकारियों ने बताया कि तीनों परीक्षणों में मिसाइल ने लक्ष्य को भेद दिया। इस सफलता के बाद उम्मीद है कि नाग मार्क 2 एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम जल्द ही भारतीय सेना में शामिल हो जाएगा।