Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून में संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए पुलिस ने 9 अधिकारियों की एक विशेष टीम बनाई है। यह टीम हिंसा के कारणों की जांच करेगी और यह पता लगाएगी कि इसके पीछे कौन लोग जिम्मेदार थे। इस विशेष जांच टीम की अगुवाई मुर्शिदाबाद रेंज के डीआईजी करेंगे।

9 वरिष्ठ अधिकारियों की टीम गठित

बंगाल पुलिस के आदेश में कहा गया है कि, "इन अधिकारियों को अगले आदेश तक समसेरगंज और जंगीपुर थाना क्षेत्रों में हुई हिंसा की जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम में नियुक्त किया गया है। सभी अधिकारियों को 16 अप्रैल 2025 दोपहर 12 बजे तक समसेरगंज और जंगीपुर थानों में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है।"

11 और 12 अप्रैल को हुई थी हिंसा

11 और 12 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के सुती, धुलियान, जंगीपुर और अन्य इलाकों में वक्फ अधिनियम में संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए।

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महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं

धुलियान के मंदिरपाड़ा इलाके में हिंसा के दौरान कई महिलाओं के साथ कथित छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आई है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए महिलाओं के उत्पीड़न और उनके विस्थापन की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है। महिला आयोग ने यह भी बताया कि हिंसा के कारण सैकड़ों महिलाएं अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गईं, जिनमें से कई ने भागीरथी नदी पार कर मालदा जिले में शरण ली है।

ममता बनर्जी सरकार को ठहराया जिम्मेदार

इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बयान देते हुए कहा कि मुर्शिदाबाद की हिंसा पूर्व नियोजित थी और इसके पीछे भाजपा, बीएसएफ और केंद्रीय एजेंसियों की मिलीभगत है। वहीं, विपक्षी दलों ने इस हिंसा के लिए ममता बनर्जी सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया है।