सार
विपक्ष लगातार एन. बीरेन सिंह सरकार को इस हिंसा पर काबू न पाने के लिए घेर रहा था।
Manipur CM N Biren Singh resigned: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) ने पद से इस्तीफा दे दिया है। एन बीरेन सिंह ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपा है। मणिपुर हिंसा पर काबू न पाने की वजह से मुख्यमंत्री पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ गया था। रविवार को बीजेपी के पूर्वोत्तर प्रभारी संबित पात्रा व कई मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह राजभवन पहुंचे और अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके पहले सीएम ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के साथ ही राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
मणिपुर हिंसा के कारण बढ़ा इस्तीफे का दबाव
मणिपुर में मई 2023 से ही जातीय हिंसा (Manipur Violence) जारी है। मैतेई (Meitei) और कुकी (Kuki) समुदायों के बीच जारी इस संघर्ष में अब तक 250 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है जबकि हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं। विपक्ष लगातार एन. बीरेन सिंह सरकार को इस हिंसा पर काबू न पाने के लिए घेर रहा था। हाल ही में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह पर पद छोड़ने का दबाव तब और बढ़ गया जब हिंसा फिर से तेज हो गई। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सरकार की नाकामी के कारण बीजेपी हाईकमान ने यह फैसला लिया।
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गृह मंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों को किया हाई अलर्ट
एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। राज्य में पहले से ही अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती की गई है लेकिन हिंसा भड़कने की आशंका को देखते हुए और सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाई जा सकती है।
बीजेपी नेतृत्व जल्द करेगा नया सीएम तय
एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद अब बीजेपी नेतृत्व नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर मंथन कर रहा है। सूत्रों की मानें तो पार्टी जल्द ही किसी नए चेहरे को मुख्यमंत्री बना सकती है। बीजेपी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि नया मुख्यमंत्री कोई ऐसा होगा जो राज्य में शांति बहाल कर सके और जातीय हिंसा को खत्म करने की दिशा में ठोस कदम उठा सके।
क्या मणिपुर में लगेगा राष्ट्रपति शासन?
एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या राज्य में राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) लागू किया जाएगा? विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बीजेपी जल्द नया नेतृत्व नहीं तय कर पाती या हिंसा बढ़ती है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
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