सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने विधान परिषद से भी इस्तीफा दे दिया है।
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Maharashtra Politics: SC ने फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने से किया इनकार, CM ने दिया इस्तीफा
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मुंबई. महाराष्ट्र में गहराए राजनीतिक संकट(Maharashtra political crisis) का क्लाइमेक्स हो गया है। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) ने 30 जून को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था। शिवसेना इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी। कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया है। दूसरी ओर शिवसेना के बागी विधायक गोवा पहुंच गए हैं। बता दें कि शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे ने 21 जून को बगावत कर दी थी। पहले वे मुंबई से सूरत के लिए निकले और फिर पार्टी के विधायकों के साथ गुवाहाटी पहुंचे थे। पढ़िए नया अपडेट...
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के आदेश पर रोक नहीं लगाया है। नवाब मलिक और अनिल देशमुख वोटिंग में हिस्सा ले सकते हैं। कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी है।
एकनाथ शिंदे के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि राज्यपाल के आदेश के अनुसार फ्लोर टेस्ट होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र में होने वाले फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। 11 बजे से फ्लोर टेस्ट की कार्यवाही होगी।
सुप्रीम कोर्ट में बहस पूरी हो गई है। कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट 9 बजे फैसला सुनाएगा।
सिंघवी ने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी राजनीतिक रूप से काम कर रहे हैं। राज्यपाल कोई देवदूत नहीं है। राज्यपाल ने जल्दबाजी में आदेश दिया। उनके फैसले की समीक्षा हो सकती है।
तुषार मेहता ने कहा कि कई केस में सुप्रीम कोर्ट ने 24 घंटे में फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया है। डिप्टी स्पीकर ने खुद दो दिन का नोटिस दिया था। अब 24 घंटे में फ्लोर टेस्ट पर सवाल उठा रहे हैं।
बहुमत परीक्षण को देखते हुए मुंबई में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। डीसीपी रैंक के करीब 20 अधिकारियों को लगाया गया है। एसआरपीएफ की 10 कंपनियों को तैनात किया गया है। अतिरिक्त फोर्स के 750 जवानों को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगाया गया है।
तुषार मेहता ने कहा कि स्पीकर अयोग्यता पर फैसला नहीं ले सकते। राज्यपाल के आदेश के खिलाफ दी गई अर्जी में उचित मानदंड का पालन नहीं किया गया।
तुषार मेहता ने कहा कि डिप्टी स्पीकर के खिलाफ खुद अविश्वास प्रस्ताव है। राज्यपाल का फैसला गलत नहीं है। तुषार मेहता नबाम रेबिया बनाम अरुणाचल प्रदेश केस का हवाला दिया है।
राज्यपाल की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि स्पीकर अपनी मतदाता सूची तय नहीं कर सकते। एकनाथ शिंदे के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि न्याय के लिए बहुमत की जांच जरूरी है।
कोर्ट ने पूछा कि कितने विधायकों को अयोग्यता का नोटिस दिया गया है? दूसरे गुट में 39 विधायक हैं तो 16 के खिलाफ ही नोटिस क्यों दिया गया। एनके कौल ने कहा कि हमारे पास बहुमत है। असली शिवसेना हम हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि नाराज विधायकों की संख्या कितनी है? एनके कॉल ने कहा कि 39। इसपर कोर्ट ने पूछा कि कितने में से 39? एनके कॉल ने जवाब दिया 55 में से 39।
एनके कौल ने कहा कि सरकार फ्लोर टेस्ट से क्यों कतरा रही है? फ्लोर टेस्ट में जितनी देर होगी लोकतंत्र को उतना नुकसान होगा। राज्यपाल के पास संवैधानिक अधिकार है। आदेश देने के हालात पर भी विचार करना होगा।
एनके कौल ने कहा कि कैबिनेट की वैधता के लिए फ्लोर टेस्ट जरूरी है। अल्पमत वाली सरकार की कैबिनेट फैसले नहीं ले सकती। बहुमत पर सवाल का फैसला फ्लोर टेस्ट से हो।
एनके कौल ने कहा कि या सरकार इस्तीफा दे या फ्लोर टेस्ट कराए। मुख्यमंत्री जिस तरह से फ्लोर टेस्ट नहीं कराना चाहते यह साफ है कि उन्होंने बहुमत खो दिया है।
एनके कौल ने कहा कि अल्पमत सरकार सत्ता में रहने की कोशिश कर रही है। बहुमत है तो सरकार को साबित करना चाहिए। आपके पास संख्या है तो आप जीतेंगे। अगर आपके पास संख्या नहीं है तो हारेंगे।
एनके कौल ने कहा कि फ्लोर टेस्ट कोर्ट के हस्तक्षेप का सवाल नहीं है। जवाबदेही तय करने का तरीका सदन में है। अयोग्यता का मामला फ्लोर टेस्ट से अलग है।
एनके कौल ने कहा कि फ्लोर टेस्ट में देर नहीं होनी चाहिए। सबसे पहले तय होना चाहिए कि अध्यक्ष को हटाना है या नहीं। अयोग्यता के फैसले से पहले स्पीकर पर फैसला जरूरी है। लंबित केस कभी फ्लोर टेस्ट नहीं रोक सकते। हॉर्स ट्रेडिंग रोकने के लिए जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट होना चाहिए।
एकनाथ शिंदे के गुट के वकील एनके कौल ने कोर्ट में कहा कि डिप्टी स्पीकर फैसला नहीं कर सकते। वह खुद सवालों के घेरे में हैं। सिंघवी ने कहा कि स्पीकर को फैसला लेने की इजाजत दी जाए या फिर कल फ्लोर टेस्ट टाल दिया जाए।