मुंबई। एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाली बीजेपी-शिवसेना शिंदे गुट (BJP-ShivSena Shinde) की सरकार के मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ ही सवाल उठने लगे हैं। शिवसेना के बागी विधायक संजय राठौड़ (Sanjay Rathod) को महाराष्ट्र कैबिनेट में जगह मिलने के बाद बीजेपी की ओर से आपत्ति की गई है। भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा किशोर वाघ ने ट्वीट कर शिंदे सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने लिखा कि  'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि महाराष्ट्र की बेटी पूजा चव्हाण की मौत का कारण बने संजय राठौड़ को फिर से मंत्री का पद दिया गया है... मैं उनके खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखूंगी।'

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क्या था मामला?

महाराष्ट्र में उद्धव सरकार में संजय राठौड़ वन मंत्री थे। पुणे की एक 23 वर्षीय महिला ने गंभीर आरोप लगाते हुए कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।  महाराष्ट्र के बीड जिले की मूल निवासी पूजा चव्हाण अपने भाई और अपने दोस्तों के साथ पुणे में अंग्रेजी भाषा सीखने का कोर्स करने के लिए रह रही थी। इस आत्महत्या को तत्कालीन विपक्षी बीजेपी नेताओं ने हत्या करार दिया था। इस मामले में संजय राठौड़ पर संलिप्तता का आरोप लगा था। देवेंद्र फडणवीस, किरीट सोमैया समेत तमाम लोगों ने संजय राठौड़ पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए युवती के हत्या की बात कही थी। मामला इतना तूल पकड़ा था कि संजय राठौड़ को मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था। युवती ने बीते 8 फरवरी को कथित तौर पर आत्महत्या की थी।

एकनाथ शिंदे ने बताया क्यों किया संजय राठौड़ को शामिल

कैबिनेट में शिवसेना के बागी संजय राठौड़ को शामिल किए जाने पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बचासव किया है। उन्होंने कहा कि एमवीए सरकार में संजय राठौड़ को पुलिस ने क्लीन चिट दे दी थी। इसलिए हमने उनको मंत्री बनाया है। अगर किसी को आपत्ति है तो बातचीत उससे किया जाएगा।

किरीट सोमैया का पुराना ट्वीट फिर वायरल...

बीजेपी नेता किरीट सोमैया का एक पुराना ट्वीट वायरल हो रहा है। सोमैया ने संजय राठौड़ वाले प्रकरण में उनको घेरा था। सोमैया ने कहा था कि आत्महत्या वास्तव में संजय राठौड़ की हत्या थी।  हालांकि, सोमैया ने अब बीजेपी गठबंधन में संजय राठौड़ के मंत्री पद की शपथ लेने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। 

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कौन हैं संजय राठौड़?

संजय राठौड़ यवतमाल के डिग्रास विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। आरोप थे कि वह उस महिला के साथ संबंध में  थे। महिला से कथित तौर पर रिश्ते खराब होने के बाद उसने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद तत्कालीन विपक्ष बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाकर उद्धव सरकार पर हमला बोल दिया था। हालांकि, यवतमाल के पुलिस अधीक्षक दिलीप पाटिल भुजबल द्वारा पिछले साल अगस्त में गठित एक विशेष जांच दल द्वारा उन्हें बरी कर दिया गया था।

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