बेंगलुरु में दहेज प्रताड़ना के कारण नई दुल्हन ने आत्महत्या कर ली। बाद में उसका पति भी मृत मिला और सास की हालत गंभीर है। पुलिस ने दहेज प्रताड़ना और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

बेंगलुरु: बेंगलुरु में आत्महत्या करने वाली एक नई दुल्हन का पति भी मृत पाया गया है। मृतक गनवी के पति सूरज को मृत पाया गया है। पुलिस का कहना है कि यह एक आत्महत्या है। सूरज की मां जयंती को भी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गनवी की मौत के बाद दोनों फरार हो गए थे। वे दोनों नागपुर भाग गए थे। इसके बाद ही पति मृत मिला और मां की हालत गंभीर है।

कल ही गनवी की मौत हुई थी। श्रीलंका में हनीमून मनाकर लौटने के तुरंत बाद उसने आत्महत्या कर ली थी। रिश्तेदारों ने आरोप लगाया था कि आत्महत्या का कारण दहेज प्रताड़ना है। रिश्तेदारों ने सूरज, उसकी मां जयंती और उसके भाई के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। वहीं, पुलिस इस मामले में विस्तृत जांच की तैयारी कर रही है। महिला आयोग ने भी चिंता जताई है। महिला आयोग ने कर्नाटक सरकार को पत्र लिखकर महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर चिंता व्यक्त की है।

बेंगलुरु के चन्नासंद्रा में हनीमून से लौटने के तुरंत बाद नई दुल्हन ने आत्महत्या कर ली। राममूर्ति नगर की रहने वाली गनवी ने फांसी लगाकर जान दे दी। श्रीलंका में हनीमून बीच में ही छोड़कर लौटने के तुरंत बाद गनवी ने राममूर्ति नगर स्थित अपने घर पर फांसी लगा ली। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन युवती की जान नहीं बचाई जा सकी। पिता शशि ने आरोप लगाया कि पति और ससुराल वालों की क्रूर प्रताड़ना के कारण उनकी बेटी ने आत्महत्या की।

शशि का आरोप है कि गनवी की शाही शादी कराने के बावजूद, पति सूरज और उसकी मां जयंती और दहेज की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित कर रहे थे। इस मामले में राममूर्ति नगर पुलिस ने केस दर्ज किया था। दहेज की मांग, प्रताड़ना और आत्महत्या के लिए उकसाने जैसी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। गनवी और सूरज की शादी डेढ़ महीने पहले हुई थी। लेकिन, ससुराल वालों के कहने पर शादी का रिसेप्शन एक महीने बाद हुआ। बेंगलुरु पैलेस ग्राउंड में पार्टी पर 40 लाख रुपये खर्च हुए थे। इसके बाद दोनों 10 दिन के हनीमून के लिए श्रीलंका गए, लेकिन 5 दिन बाद ही लौट आए। शशि ने आरोप लगाया कि इसके बाद सूरज ने उनकी बेटी को ले जाने के लिए कहा।

(आत्महत्या किसी भी चीज़ का हल नहीं है। जीने की कोशिश करें। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद लें। ऐसे विचार आने पर 'दिशा' हेल्पलाइन पर कॉल करें। टोल-फ्री नंबर: Toll free helpline number: 1056, 0471-2552056)