सार
मां का इशारा मिलने के बाद मौजूद हजारों लोग भगवान रघुनाथ के रथ को खिंचते हैं। इसके बाद रथ मैदान से भगवान रघुनाथ को रथ पर बैठाकर दशहरा मैदान लाया जाएगा। यहां सजाए गए भव्य दरबार में भगवान पहुंचते हैं। भगवान रघुनाथ को भव्य दरबार में विराजमान कराया जाता है।
PM Modi in Kullu: पीएम मोदी, देश के सबसे सुप्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव में शामिल हुए। बुधवार को पीएम मोदी के पहुंचने के बाद अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव के साथ ही भगवान रघुनाथ की रथयात्रा का भी शुभारंभ हुआ। ढालपुर मैदान में यह कार्यक्रम आयोजित है। दशहरा महोत्सव 5 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक चलेगा जिसमें भाग लेने के लिए जिले भर के करी 250 देवी-देवता पहुंचते हैं।
क्या है कुल्लू दशहरा महोत्सव और भगवान रघुनाथ यात्रा
कुल्लू का अंतरराष्ट्रीय दशहरा महोत्सव देश-विदेश में प्रसिद्ध है। यह पारंपरिक मेला हर साल आयोजित होता है और देवी-देवताओं के परंपराओं का निर्वहन किया जाता है। ढालपुर मैदान में लगा यह मेला 5 से 11 अक्टूबर तक चलेगा। देवी-देवताओं का यह दशहरा मेला, कई अनूठी परंपराओं का गवाह है।
महोत्सव के शुभारंभ के पहले बुधवार सुबह सभी देवी-देवता देव परंपरा का निर्वहन करने के लिए भगवान रघुनाथ से मिलने सुल्तानपुर स्थित रघुनाथ के मंदिर पहुंचते हैं। यहां सभी शीश नवाएंगे। इसके बाद सभी देवी-देवताओं के साथ भव्य जुलूस के साथ भगवान रघुनाथ का रथ ढालपुर रथ मैदान में आएगा। दोपहर में ढोल-नगाड़ों की थाप के साथ मंदिर से कड़ी सुरक्षा के बीच भगवान रघुनाथ मैदान पहुंचते हैं।
भुवनेश्वरी भेखली माता के इशारा के साथ शुरू होती है यात्रा
भुवनेश्वरी भेखली माता का इशारा मिलने के बाद ही रथयात्रा शुरू होती है। मां का इशारा मिलने के बाद मौजूद हजारों लोग भगवान रघुनाथ के रथ को खिंचते हैं। इसके बाद रथ मैदान से भगवान रघुनाथ को रथ पर बैठाकर दशहरा मैदान लाया जाएगा। यहां सजाए गए भव्य दरबार में भगवान पहुंचते हैं। भगवान रघुनाथ को भव्य दरबार में विराजमान कराया जाता है। पूरे महोत्सव के दौरान भगवान रघुनाथ अपने इसी भव्य दरबार में विराजमान रहेंगे। भगवान के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह हर रोज सुबह शाम विधि विधान से पूजा करेंगे। देव-मानव, हर कोई इसके बाद से उनका पूजन कर सकेगा और आशीर्वाद ले सकेगा।
रथयात्रा में इस बार पीएम मोदी भी पहुंचे
रथ मैदान से दशहरा मैदान तक होने वाली भगवान रघुनाथ की रथयात्रा में पीएम मोदी भी शामिल हुए। वह रथ मैदान में पहुंचकर भगवान के दरबार में पहुंचे। इसके बाद रथयात्रा शुरू की गई।
यह भी पढ़ें:
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा: प्रधानमंत्री का कुल्लू में हुआ जोरदार स्वागत
'बीआरएस'(भारत राष्ट्र समिति) के वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) का समय आ गया है: जयराम रमेश