सार
किसान नेता राकेश टिकैत ने दावा किया कि किसान आंदोलन समाप्त नहीं हो रहा है। सरकार गलत समझ रही है कि किसान आंदोलन समाप्त हो रहा है। कुछ लोग दावा कर रहे कि पंजाब का किसान वापस जा रहा है लेकिन ऐसा नहीं है।
नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के बाद भी किसान आंदोलन जारी है। किसान अभी एमएसपी गारंटी कानून को लेकर दिल्ली के बार्डर्स पर जमे हुए हैं। किसान आंदोलन के अगुवा राकेश टिकैत ने शुक्रवार को नारा दिया कि एमएसपी कानून अभी नहीं तो कभी नहीं। उनका कहना है कि सरकार एमएसपी की गारंटी नहीं देती है तो वह लोग वापस नहीं जाएंगे।
किसान यूनियन के नेता टिकैत बोले...
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन को लेकर यह साफ किया कि कोई किसान कहीं नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि आंदोलन में एक बार फिर से भीड़ बढ़ने लगी है। सभी नेता अपने-अपने बार्डर्स को मजबूत कर रहे हैं। एक दिन में सारी तस्वीर साफ हो जाएगी कि आगे आंदोलन को कैसे ले जाया जाएगा।
आंदोलन समाप्त नहीं हो रहा
किसान नेता राकेश टिकैत ने दावा किया कि किसान आंदोलन समाप्त नहीं हो रहा है। सरकार गलत समझ रही है कि किसान आंदोलन समाप्त हो रहा है। कुछ लोग दावा कर रहे कि पंजाब का किसान वापस जा रहा है लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि एक साल से किसानों ने अपने खेतों में फसल नहीं काटी। वह अपना अधिकार लेने आए हैं। सरकार को सामने बैठकर बात करनी चाहिए। इतना जल्दी हिसाब कैसे हो जाएगा।
सरकार हमसे पूछ रही कि कितने किसान मरे
राकेश टिकैत ने दावा किया कि सरकार हमसे पूछ रही है कि कितने किसान शहीद हुए, उनके पास आंकड़े नहीं है। सरकार को अपने थानों से पता करना चाहिए कि कितने किसानों की शहादत हुई है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार मानती है कि एमएसपी से घाटा है तो सरकार लागू नहीं करने के लाभ बताए।
संसद में वापस हो गए हैं तीनों कृषि कानून
पीएम मोदी (PM Modi) के गुरुपर्व (Guru Parv) पर तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान के बाद संसद (Parliament) के शीतकालीन सत्र (winter session) के पहले दिन कानूनों की वापसी का विधेयक पेश कर पास करा लिया गया। यह विधेयक सोमवार दोपहर 12:06 बजे लोकसभा में पेश किया गया और दोपहर 12:10 बजे पारित किया गया।
कांग्रेस ने किया मोदी सरकार पर वार
तीन कृषि कानूनों को लेकर चर्चा नहीं होने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हम एमएसपी (MSP) मुद्दे पर चर्चा करना चाहते थे। हम लखीमपुर खीरी घटना पर चर्चा करना चाहते थे। हम इस आंदोलन में मारे गए 700 किसानों पर चर्चा करना चाहते थे और दुर्भाग्य से उस चर्चा की अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने मीडिया से कहा यह सरकार इन चर्चाओं से "भयभीत" है और "छिपाना चाहती है"।
राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को अपना विचार बदलने में 700 किसानों की मौत हुई। उन्होंने कहा, "तथ्य यह है कि केंद्र सरकार इस मामले में किसानों द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए भारतीय लोगों की ताकत का सामना नहीं कर सकी। सरकार राज्यों में होने वाले चुनाव को देखते हुए डरकर कानून वापस ली है।
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