सार

केरल में दहेज के लिए बहू को भूखा मारने पर सास-बेटे को उम्रकैद की सजा। पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि महिला का वजन सिर्फ 21 किलो था और उसके पेट में कुछ भी नहीं था।

कोल्लम: दहेज के लिए लगातार प्रताड़ित करके बहू को खाना न देकर भूखा मार देने वाले महिला के पति और उसकी माँ को केरल की एक अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोल्लम की अतिरिक्त जिला अदालत ने माँ-बेटे को यह कड़ी सजा दी है। महिला के पोस्टमार्टम में पता चला कि उसके पेट में कुछ भी नहीं था और उसका वजन सिर्फ 21 किलो था। दो बच्चों की माँ का वजन सिर्फ 21 किलो और पेट में एक निवाला भी न होना, ये बताता है कि ये लोग कितने क्रूर थे।

दोषियों पर अदालत ने 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। छन्तुलाल और उसकी माँ गीता लाली को इस मामले में सजा हुई है। 2019 में कोल्लम के करुंगपल्ली की रहने वाली तुषारा की मौत हो गई थी। पुलिस भी इस मामले की जाँच करके हैरान रह गई थी। उसे बहुत प्रताड़ित किया गया था और खाना नहीं दिया गया था, जिससे उसकी मौत हो गई। मरते वक्त वो कंकाल जैसी हो गई थी और उसका वजन सिर्फ 20-21 किलो था। मरते वक्त वो बहुत बीमार थी, ये पुलिस जाँच में पता चला था। दो छोटे बच्चों वाली माँ को इस तरह भूखा रखकर 21 किलो तक कमजोर करके मार देना, ये कितनी बड़ी क्रूरता है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह का पता चला। उसके पेट में खाने का एक भी टुकड़ा नहीं था। इस मामले में अदालत का फैसला समाज के लिए एक संदेश होना चाहिए, ये अभियोजन पक्ष की दलील अदालत ने मानी। तुषारा और छन्तुलाल के दो बच्चे हैं। इस मामले में तीसरे आरोपी छन्तुलाल के पिता कुछ महीने पहले इत्तिक्कर के पास नदी में मृत पाए गए थे।

100% साक्षरता वाले, 'देवताओं की भूमि' कहे जाने वाले केरल में भी दहेज का दानव चोरी-छिपे मौजूद है। 2023 में तिरुवनंतपुरम में 26 साल की एक पढ़ी-लिखी डॉक्टर इसी दानव का शिकार हुई थी। लड़के के परिवार की दहेज की माँग पूरी न होने पर लड़के ने शादी तोड़ दी, जिससे लड़की ने जान दे दी। उसका दोस्त मेडिकल पीजी डॉक्टर्स एसोसिएशन का प्रतिनिधि था और उसके परिवार ने सोना, जमीन और बीएमडब्ल्यू कार की माँग की थी।