Haveri Gang-Rape Case: 7 मुख्य आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिलते ही बाइक और कारों के काफिले के साथ विजय यात्रा निकाली गई। पीड़िता अल्पसंख्यक समुदाय से है और केस में पहले Moral Policing का एंगल था। जानें पूरी घटना की टाइमलाइन।
Haveri Gang-Rape Case: कर्नाटक (Karnataka) के हावेरी जिले में 16 महीने पहले हुए एक इंटरफेथ कपल (Interfaith Couple) के साथ दुर्व्यवहार और महिला के गैंगरेप (Gang-Rape) के मामले में 7 मुख्य आरोपियों को हाल ही में जमानत मिल गई। लेकिन इसके बाद जो हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
अक्की आलूर (Akki Alur) कस्बे में आरोपियों के समर्थकों ने बाइकों और कारों का काफिला निकाला, डीजे की तेज आवाज में जश्न मनाया गया और आरोपी विक्ट्री साइन दिखाते हुए मुस्कुराते नजर आए। यह पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और लोगों में भारी नाराज़गी देखने को मिल रही है।
कोर्ट से मिली जमानत लेकिन जनभावनाएं आहत
हावेरी सेशंस कोर्ट (Haveri Sessions Court) ने हाल ही में अफ्ताब चंदनकट्टी (Aftab Chandanakatti), मदर साब मंडक्की, सामिउल्ला लालनावर, मोहम्मद सादिक अगासीमानी, शोएब मुल्ला, तौसीफ चोट्टी और रियाज़ साविकेरी को जमानत दी। ये सभी 26 वर्षीय महिला के कथित गैंगरेप के मुख्य आरोपी हैं जिन्हें कई महीनों से न्यायिक हिरासत में रखा गया था।
क्या था मामला: इंटरफेथ रिलेशनशिप बना 'मोरल पुलिसिंग' का निशाना
यह मामला 8 जनवरी 2024 को तब सामने आया जब एक अल्पसंख्यक समुदाय की युवती और एक 40 वर्षीय KSRTC बस ड्राइवर एक प्राइवेट होटल में रुके थे। शुरुआत में पुलिस ने इसे मोरल पुलिसिंग (Moral Policing) का मामला माना था।
लेकिन 11 जनवरी को पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि उसे होटल से खींचकर पास के जंगल में ले जाया गया, जहां 19 लोगों ने अलग-अलग रूप में मारपीट और गैंगरेप किया। इसके बाद गैंगरेप की धाराएं जोड़ी गईं।
पहचान नहीं कर पाने से कमजोर हुई केस की नींव
शुरुआती जांच में पीड़िता ने आरोपियों की पहचान की थी लेकिन बाद में कोर्ट में वह पहचान की पुष्टि नहीं कर पाई, जिससे अभियोजन पक्ष की दलीलें कमजोर हो गईं। इसी आधार पर कोर्ट ने सात आरोपियों को जमानत दी।
12 आरोपी पहले ही ज़मानत पर रिहा, मुख्य 7 को अब मिली राहत
इस मामले में कुल 19 लोग गिरफ्तार किए गए थे। इनमें से 12 को करीब 10 महीने पहले जमानत मिल चुकी थी, जबकि मुख्य 7 आरोपियों की जमानत अब जाकर स्वीकृत हुई है।
जमानत तो मिल गई लेकिन जश्न ने सवाल खड़े कर दिए
कानूनी प्रक्रिया के तहत जमानत मिलना अलग बात है, लेकिन जिस तरह से आरोपियों ने जमानत के बाद सार्वजनिक जश्न मनाया, उसने पीड़िता की पीड़ा और न्याय व्यवस्था पर नैतिक सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस ने वीडियो की जांच शुरू की
हावेरी पुलिस ने पुष्टि की है कि वायरल वीडियो की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस यह भी देख रही है कि क्या यह जश्न कानून-व्यवस्था के उल्लंघन के तहत आता है या नहीं।