Karnataka CM Row: Siddaramaiah vs DK Shivakumar का गतिरोध खत्म, डीके शिवकुमार ने MLAs से समर्थन न मांगने की अपील की, कांग्रेस हाईकमान ने सिद्धारमैया को हटाने से किया इंकार।
Siddaramaiah vs DK Shivakumar: कर्नाटक में कांग्रेस (Congress Karnataka) के भीतर लंबे समय से चल रहा Siddaramaiah बनाम DK Shivakumar का शक्ति-संघर्ष मंगलवार को खत्म होता दिखा। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) ने स्पष्ट किया कि वे अब अपने लिए विधायकों से समर्थन नहीं चाहते। सभी से 2028 विधानसभा चुनाव (Karnataka Election 2028) पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की है।
डीके शिवकुमार ने कहा: अब कोई विधायक मेरे लिए बात न करे। हाईकमान (Congress High Command) ऐसे विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है सिर्फ एक ही कांग्रेस है मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) के नेतृत्व में। मैं कोई बदलाव नहीं चाहता।
सिद्धारमैया के पक्ष में हाईकमान का इशारा
डीके शिवकुमार के इस बयान से ठीक पहले कांग्रेस के संकटमोचक रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने साफ किया कि पार्टी का सिद्धारमैया (Siddaramaiah) को मुख्यमंत्री पद से हटाने का कोई इरादा नहीं है। सुरजेवाला के बयान के दौरान DKS चुपचाप बगल में बैठे दिखे जिसने उनके पीछे हटने के संकेत को और स्पष्ट कर दिया।
2023 चुनाव जीत के बाद से चल रही थी खींचतान
2023 विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election 2023) में कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद से ही यह विवाद शुरू हुआ था। Vokkaliga समुदाय का समर्थन जुटाने में डीके शिवकुमार की भूमिका अहम मानी गई थी, जिसके बाद उन्होंने सीएम बनने की उम्मीद जताई थी। मगर कांग्रेस ने बहुसंख्यक विधायकों और हाशिये के समुदायों में मजबूत पकड़ रखने वाले सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री चुना।
सितंबर में आता है 'हाफ टर्म' डेडलाइन का वक्त
डीके शिवकुमार को उस वक्त उपमुख्यमंत्री बनाकर मना लिया गया था लेकिन कयास थे कि कार्यकाल के मध्य में सिद्धारमैया पद छोड़ेंगे। यह 'हाफ टर्म' सितंबर 2025 में आने वाला है। डीके समर्थक विधायक इसी डेडलाइन का हवाला दे रहे थे जबकि सिद्धारमैया समर्थक पार्टी के 'वन मैन वन पोस्ट' सिद्धांत का हवाला देकर DKS के दो बड़े पद उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पर सवाल उठा रहे थे।
राजनीतिक संकट पर विराम की कोशिश
हाईकमान के कड़े संदेश और डीके शिवकुमार के ताजे रुख से फिलहाल कांग्रेस के अंदरूनी संकट (Congress Crisis Karnataka) थमता दिख रहा है। अब देखना होगा कि यह शांति सितंबर तक बनी रहती है या नहीं।