जम्मू-कश्मीर में कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना हुआ। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जत्थे को रवाना किया और बेहतरीन सुविधाओं का आश्वासन दिया। प्रशासन ने यात्रा के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए हैं।
जम्मू: 3 जुलाई 2025 से शुरू हो रही वार्षिक अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था हाई अलर्ट पर है, खासकर राष्ट्रीय राजमार्ग 44 (NH-44) पर। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू से श्री अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को कड़ी सुरक्षा के बीच रवाना किया। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, "श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने यात्रा के लिए बेहतरीन सुविधाएं मुहैया कराई हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों ने भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाई हुई है। देश भर से श्रद्धालु यहां आए हैं। उनका उत्साह देखते ही बनता है। भोलेनाथ के भक्तों ने सभी आतंकी हमलों को नजरअंदाज करते हुए भारी संख्या में यहां पहुंचे हैं। मुझे उम्मीद है कि इस साल की यात्रा पिछले सालों से भी बेहतर होगी..."
रामबन के विधायक अर्जुन सिंह राजू ने कहा, “रामबन प्रशासन ने श्री अमरनाथ यात्रा के लिए बहुत अच्छे इंतजाम किए हैं... यह यात्रा पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब है।” उपायुक्त सलोनी राय ने कहा, “पिछले सालों की तरह, जब यात्रा उधमपुर पहुंचती है, तो हम उनका काली माता मंदिर में स्वागत करते हैं... हम उनके लिए यहां एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित करते हैं... यात्रियों को आरामदायक अनुभव प्रदान करने के लिए सुरक्षा को सुव्यवस्थित किया गया है।” जम्मू-कश्मीर भारतीय जनता युवा मोर्चा की देवयानी राणा ने कहा, "हमें अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं के जत्थे को रवाना करने का अवसर मिला, यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। हम यात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं की सेवा के लिए हमेशा तैयार हैं। जम्मू-कश्मीर यात्रा के लिए तैयार है और मैं सभी श्रद्धालुओं को विश्वास दिलाती हूं कि हम उनकी यात्रा को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।"
अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए पूरे जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को व्यापक रूप से बढ़ा दिया गया है। सीआरपीएफ, सेना और पुलिस सहित 50,000 से अधिक जवानों को तैनात किया गया है, साथ ही पूरे रास्ते पर सीसीटीवी, ड्रोन, जैमर और चेहरे की पहचान तकनीक के माध्यम से निरंतर निगरानी की जा रही है। तीर्थयात्रा के दौरान अधिकतम सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मेडिकल टीमों, एयर एम्बुलेंस और आपातकालीन निकासी योजनाओं के लिए उचित व्यवस्था की गई है। इस साल की यात्रा 3 जुलाई 2025 से 9 अगस्त 2025 तक निर्धारित है। (एएनआई)