सार
Indian Army Suicide Drone: आईआईटी जम्मू में लगे साइंस एंड टेक्नोलॉजी एक्सपो में भारतीय सेना ने अपने 'आत्मघाती ड्रोन' का प्रदर्शन किया है। यह बेहद खास ड्रोन है। इसका इस्तेमाल कम दूरी तक किया जा सकता है। इसे ऑपरेट करना आसाना है। इससे दुश्मन को पता चले बिना उसपर हमला किया जा सकता है। यह चुन-चुनकर दुश्मन का शिकार कर सकता है।
300 ग्राम RDX ले जाता है सुसाइड ड्रोन
भारतीय सेना के एक तकनीकी अधिकारी ने ड्रोन के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा, "इस ड्रोन से हम 250-300 ग्राम RDX (अत्यधिक विस्फोटक पदार्थ) ले जा सकते हैं। अगर यह बिना मिनी ड्रोन को साथ लिए उड़े तो लगातार 30 मिनट तक हवा में रह सकता है। अगर मिनी ड्रोन साथ हो तो यह लगातार 15-20 मिनट तक उड़ता है।"
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मदर ड्रोन और सुसाइड ड्रोन इस तरह करते हैं काम
उन्होंने कहा, "जंग की स्थिति में मुख्य ड्रोन (मदर ड्रोन) के साथ मिनी ड्रोन भेजा जाता है। ड्रोन से हम पहले देखते हैं कि दुश्मन कहां है। अगर हमला करने की जरूरत हो तो इससे मिनी ड्रोन बाहर आता है और वह टारगेट से जाकर टकरा जाता है। इसलिए इसे सुसाइड ड्रोन भी कहते हैं। ड्रोन में लगा कैमरा दिन-रात हर वक्त काम करता है। छोटे ड्रोन में दो मिनी कैमरे लगे हैं। ड्रोन ऑपरेट करने में दो लोगों की जरूरत होती है।"