सार
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए जल जीवन (हर घर जल) मिशन से बड़ा बदलाव आया है। भारत के 15.2 करोड़ परिवारों को इससे पीने का साफ पानी मिला है। इसके चलते दूषित पानी से होने वाली बीमारियों के रोकथाम में भी मदद मिली है।
15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन लॉन्च किया गया था। इसका लक्ष्य 2024 तक ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले सभी 19.34 परिवारों तक नल का जल पहुंचाना था। मिशन के शुरू होने से पहले तक ग्रामीण आबादी के सिर्फ 17 फीसदी (3.23 करोड़ घर) के पास नल से जल पाने की सुविधा थी। मिशन का लक्ष्य बचे हुए 16.10 घरों तक नल का जल पहुंचाना था।
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ग्रामीण भारत के 78.62 फीसदी घरों तक पहुंच रहा साफ पानी
10 अक्टूबर 2024 तक जल जीवन मिशन की मदद से 11.96 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण घरों तक साफ पानी पहुंचाया गया। इससे कुल कवरेज 15.20 करोड़ घर तक पहुंच गया है। आज ग्रामीण भारत के 78.62 फीसदी घरों तक साफ पानी पहुंच रहा है। यह मिशन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। इसने ग्रामीण लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव डाला है। लोगों को पीने के लिए साफ पानी मिल रहा है। उन्हें पानी की तलाश में नदियों, झिलों और तालाबों की ओर नहीं जाना पड़ रहा है। इस मिशन पर करीब 3.60 लाख करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इनमें से केंद्र और राज्य का हिस्सा क्रमशः 2.08 लाख करोड़ रुपए और 1.52 लाख करोड़ रुपए है।
महिला लेबर फोर्स पर पेयजल उपलब्ध होने का असर
घर में पीने का साफ पानी मिलने से महिलाओं का जीवन आसान हुआ है। महिलाएं अब परिवार की आमदनी बढ़ाने के लिए कामकाज पर अधिक ध्यान दे पा रही हैं। कृषि से जुड़ी गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जल जीवन मिशन के चलते कुछ राज्यों को छोड़कर अन्य सभी राज्यों में घर से बाहर से पानी लाने वाले परिवारों के प्रतिशत में कमी आई है।
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