सार
ठग कई रूपों में हमारे आसपास होते हैं, और सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, फिर भी कुछ लोग ऐसे होते हैं जो खुद को ठगने का मौका देते हैं। पिछले कुछ समय में अनगिनत ठगी की खबरें सामने आई हैं। फिर भी, इसी तरह की ठगी बार-बार होती रहती है। हाल ही में बेंगलुरु से एक मामला सामने आया है जिसमें सोशल मीडिया पर ज्योतिषी बनकर एक व्यक्ति ने एक युवती से छह लाख रुपये ठग लिए।
इंस्टाग्राम पर खुद को ज्योतिषी बताने वाले इस व्यक्ति ने बेंगलुरु की 24 वर्षीय युवती को अपने जाल में फंसाया। युवती के भविष्य में होने वाले प्रेम विवाह में कुछ पूजा-पाठ करवाने के नाम पर उसने छह लाख रुपये ठग लिए। शुरुआत में छोटी रकम से शुरू हुई ठगी बाद में लाखों में बदल गई। ज्योतिषी ने अपना नाम विजय कुमार बताया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक सिटी में एक निजी कंपनी में काम करने वाली युवती जनवरी में फर्जी ज्योतिषी के इंस्टाग्राम प्रोफाइल से परिचित हुई। प्रोफाइल में ज्योतिष सेवाएं देने का दावा किया गया था और एक अघोरी बाबा की तस्वीर भी लगाई गई थी। इंस्टा प्रोफाइल पर दिए गए वादों से आकर्षित होकर, युवती ने अकाउंट पर मैसेज किया, जिसका विजय कुमार ने तुरंत जवाब दिया। इसके बाद उसने युवती से उसका नाम और जन्मतिथि मांगी ताकि वह उसकी कुंडली देख सके।
कुंडली देखने के बाद उसने युवती को बताया कि उसका प्रेम विवाह होगा और उसमें कई समस्याएं हैं। उसने दावा किया कि कुछ पूजा-पाठ करके वह इन समस्याओं को दूर कर सकता है। शुरुआती पूजा के लिए उसने 1,820 रुपये मांगे। युवती ने इसे उचित समझकर डिजिटल पेमेंट के जरिए पैसे भेज दिए। लेकिन ज्योतिषी की मांग यहीं खत्म नहीं हुई।
वह युवती की कुंडली में नई-नई समस्याएं निकालता रहा। साथ ही, समस्या के समाधान के लिए पूजा-पाठ भी चलता रहा। इस तरह उसने पूजा के नाम पर युवती से 5.9 लाख रुपये ठग लिए। आखिरकार युवती को एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हो रही है। उसने फर्जी ज्योतिषी से पैसे वापस करने को कहा, वरना पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी। इस पर उसने 13,000 रुपये वापस कर दिए। साथ ही, बाकी पैसे मांगने पर उसने युवती को जान से मारने की धमकी दी।
जल्द ही, प्रशांत नाम के एक व्यक्ति ने खुद को वकील बताकर युवती को फोन किया। उसने युवती से और पैसे मांगे और उसे लगातार धमकाता रहा। परेशान होकर युवती ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस जांच में ठगी का खुलासा हुआ और विजय कुमार और उसके साथियों के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, बीएनएस धारा 318 के तहत मामला दर्ज किया गया।