सार
Indian Navy: भारत की नौसेना को जल्द ही दुनिया का सबसे एडवांस मल्टी-रोल स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट तमाल (Tamal) मिलने वाला है। इसे रूस के यंतर शिपयार्ड में बनाया गया है।
BrahMos एंटी शिप क्रूज मिसाइल से लैस होने के चलते यह और भी खतरनाक हो जाता है। इसकी क्षमता ऐसी है कि चीन और पाकिस्तान के जंगी जहाज इसका सामना होने पर कांपेंगे। भारत और रूस के बीच तलवार क्लास के चार स्टील्थ फ्रिगेट बनाने के लिए सौदा हुआ था। इस सौदे के तहत दूसरा युद्धपोत तमाल तैयार है। इसके जून 2025 तक नौसेना में शामिल होने की उम्मीद है। रूस द्वारा बनाया गया पहला फ्रिगेट आईएनएस तुशील पहले ही नौसेना में शामिल हो चुका है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 9 दिसंबर 2024 को रूस की अपनी यात्रा के दौरान इसे नौसेना में शामिल किया था। यह 12,500 मील से अधिक की दूरी तय कर भारत पहुंच गया है।
तमाल के ट्रायल के लिए भारतीय दल रूस पहुंचा
रूस में इन दिनों तमाल का ट्रायल चल रहा है। आधिकारिक रूप से इंडियन नेवी में शामिल किए जाने के बाद भारतीय दल इसे लेकर भारत आएगा। इंडियन नेवी के करीब 200 जवान ट्रेनिंग लेने और समुद्री परीक्षणों में भाग लेने के लिए सेंट पीटर्सबर्ग पहुंचे हैं। ये ट्रायल करीब छह सप्ताह तक चलेंगे। इसके बाद युद्धपोत को भारत की यात्रा के लिए तैयार किया जाएगा।
तमाल क्यों है घातक युद्धपोत?
तमाल को दुश्मन के जहाज और जमीन इलाके पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह 55 किमी/घंटा की रफ्तार से आगे बढ़ सकता है। रेंज 3,000 किलोमीटर है। तमाल की सबसे बड़ी ताकत BrahMos सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल है। यह मिसाइल अचूक वार करता है। अत्यधिक रफ्तार और कम ऊंचाई पर उड़ने के चलते इसे एयर डिफेंस सिस्टम से रोक पाना बेहद कठिन है।
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तमाल के पास पानी में छिपी पनडुब्बियों का शिकार करने की भी क्षमता है। इसके लिए इसे एंटी सबमरीन रॉकेट और टॉरपीडो से लैस किया गया है। तमाल पर हेलीकॉप्टर उतरने और टेकऑफ करने की सुविधा है। इससे इसे निगरानी रखने और सबमरीन को खोजकर खत्म करने वाले हेलीकॉप्टर से लैस कर सकते हैं। तमाल एक स्टील्थ फ्रिगेट है। इसकी बनावट इस तरह की है कि यह दुश्मन के रडार से छोड़े गए सिग्नल्स को सोख लेता है। इससे इसे जल्द खोज पाना मुश्किल है। तमाल का वजन 3,900 टन है।
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