भारतीय सेना ने AI बेस्ड Negev LMG मशीन गन की टेस्टिंग की है। यह बिना किसी इंसान की मदद के दुश्मन को पहचान कर ऑटोमेटिक फायर कर सकती है। 14000 फीट की ऊंचाई पर सफल परीक्षण हुआ।

IMI Negev Machine gun: पाकिस्तान-चीन जैसे दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए भारतीय सेना ने एक मॉर्डर्न हथियार की टेस्टिंग की है। दरअसल, देहरादून की BSS मटेरियल कंपनी ने अपनी नई AI बेस्ड ऑटोनॉमस लीथल वेपन सिस्टम Negev LMG की 14000 फीट की ऊंचाई पर सफल टेस्टिंग की। कंपनी ने भारतीय सेना के साथ मिलकर इस टेस्टिंग को पूरा किया। इस हथियार की खासियत ये है कि ये अपने दुश्मन को दूर से पहचान कर उस पर बिना किसी इंसान की मदद से ऑटोमेटिक फायर कर सकती है।

क्या है AI इनेबल्ड IMI-Negev मशीनगन

AI इनेबल्ड IMI-Negev दुनिया की सबसे खतरनाक मशीनगन में से एक है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लगा है, जिसकी मदद से ये अपने दुश्मन को बिना किसी ऑपरेटर के ट्रेस करने और उस पर सटीक फायर करने में सक्षम है।

एक बार में 850 से 1050 राउंड प्रति मिनट की दर से करेगी फायर

IMI-Negev मशीनगन एक बार में 850 से 1050 राउंड प्रति मिनट की दर से दुश्मन पर फायर करने में सक्षम है। इसकी बुलेट 915 मीटर प्रति सेकेंड (1 सेकेंड में करीब 1 KM) की स्पीड से दुश्मन के चीथड़े उड़ा सकती है। इसकी फायरिंग रेंज 300 से 1000 मीटर तक है।

किस तकनीक पर काम करती है IMI-Negev मशीनगन

IMI-Negev मशीनगन गैस ऑपरेटेड रोटेटिंग बोल्ड टेक्नीक पर काम करती है। इसका कुल वजन 7.650 किलो है। इस मशीनगन से मैक्सिमम 1200 मीटर की दूरी पर खड़े दुश्मन को ढेर किया जा सकता है। इसमें 35 राउंड की मैगजीन या फिर 150 से 200 राउंड की बेल्ट लगाने की सुविधा है।

क्या होगा फायदा?

IMI-Negev मशीनगन का सबसे ज्यादा फायदा बॉर्डर पर उन दूरदराज के इलाकों में किया जा सकता है, जहां सैनिकों की तैनाती काफी जोखिमभरा काम होता है। ऐसे इलाकों में इस खतरनाक हथियार से दुश्मन को नानी याद दिलाई जा सकती है। इस हथियार की सफल टेस्टिंग भारत की डिफेंस टेक्नीक में मील का पत्थर साबित होगी। साथ ही बॉर्डर पर सुरक्षा को और मजबूत किया जा सकेगा।