India Weather 2025: 2024 के रिकॉर्डतोड़ गर्मी के बाद 2025 में भारत ने देखा मौसम का बड़ा उलटफेर। मई में ही ठंडी हवाएं, बारिश और कम तापमान से गर्मी समय से पहले खत्म। जानिए इसका असर खेती, बिजली और क्लाइमेट पर।
India Weather 2025: भारत ने 2025 में एक अप्रत्याशित मौसम परिवर्तन देखा है जिसमें गर्मी का मौसम शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया। जहां 2024 को अब तक का सबसे गर्म साल (Hottest Year Ever Recorded) कहा गया था, वहीं इस साल मई का महीना ठंडी हवाओं और असमय बारिश के साथ बीत गया।
पिछले साल मई-जून में तापमान बना था रिकॉर्ड
2024 में मई और जून महीनों में हीटवेव्स (Heatwaves) ने देश के कई हिस्सों में तापमान रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचा दिया था। इसका असर खेती, जल आपूर्ति और बिजली की मांग पर गहरा पड़ा था। स्वास्थ्य सेवाएं भी गर्मीजनित बीमारियों से जूझ रही थीं।
2025 की मई में बदला सब कुछ
लेकिन 2025 में मई की शुरुआत के साथ ही ठंडी हवाएं, बादल और तूफानी बारिश (Thunderstorms) ने देश के कई हिस्सों में दस्तक दी। इससे पारंपरिक रूप से सबसे गर्म समय कहलाने वाला यह महीना अपेक्षाकृत ठंडा साबित हुआ।
क्या कहता है मौसम विभाग?
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस साल वायुमंडलीय परिसंचरण में बड़ा बदलाव (Atmospheric Circulation Shift) देखने को मिला है, जिससे गर्मी की शुरुआत कमजोर पड़ी और तापमान में वृद्धि नहीं हो पाई। इसके अलावा बादल छाए रहने और असमय बारिश ने भी तापमान को नीचे बनाए रखा।
क्यों बदला मौसम का मिजाज?
- Early Moisture Influx
- Monsoon Wind Patterns में बदलाव
- Cloud Cover और Rainfall के कारण ठंडक
- इन सभी कारकों ने मिलकर गर्मी को दबा दिया और भारत में Pre-Monsoon Cooling की स्थिति बना दी।
इस बदलाव का क्या असर पड़ा?
राहत की बात
- हीट स्ट्रोक और गर्मीजनित बीमारियों में कमी
- बिजली खपत में गिरावट
- शहरों में एयर कंडीशनिंग और कूलिंग लोड घटा
चिंता की बात
- फसल चक्र में गड़बड़ी
- ऐसी फसलें जिन्हें अधिक तापमान चाहिए, उनकी वृद्धि प्रभावित
- किसानों को बुवाई और कटाई के शेड्यूल में बदलाव की चुनौती
मौसम का यह उतार-चढ़ाव क्या दर्शाता है?
क्लाइमेट एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जलवायु परिवर्तन (Climate Change) अब केवल तापमान में बढ़ोतरी तक सीमित नहीं है बल्कि यह मौसम के तीव्र और अनियमित बदलाव (Intense Fluctuations) को भी जन्म दे रहा है। 2024 की गर्मी और 2025 की ठंडक के बीच का यह अंतर बताता है कि अब मौसम को लेकर कोई भविष्यवाणी करना आसान नहीं रहा।