क्या आप जानते हैं? इन 5 प्रसिद्ध स्मारकों का वक्फ बोर्ड से क्या है संबंध!
भारत में वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकृत 5 प्रतिष्ठित स्मारक जैसे बड़ा इमामबाड़ा, फतेहपुर सीकरी और दिल्ली की जामा मस्जिद, जिनका ऐतिहासिक महत्व है। जानिए इन स्मारकों के बारे में।
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बड़ा इमामबाड़ा से लेकर जामा मस्जिद तक, जानिए वक्फ संपत्ति के ऐतिहासिक राज
भारत में वक्फ बोर्ड के तहत पंजीकृत कई ऐतिहासिक स्मारक हैं जो न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं बल्कि भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का भी हिस्सा हैं। इनमें से 5 प्रमुख स्मारक ये हैं, जिनके बारे में जानकर आप चौंक जाएंगे।
1. बड़ा इमामबाड़ा
लखनऊ में स्थित बड़ा इमामबाड़ा, जो 1784 में बना था, वक्फ बोर्ड की संपत्ति के रूप में पंजीकृत है। यह एक प्रमुख धार्मिक स्थल है और इसके वास्तुकला और इतिहास के कारण इसे एक ऐतिहासिक धरोहर माना जाता है।
2. फतेहपुर सीकरी
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्थित फतेहपुर सीकरी दरगाह को वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकृत किया गया है। यह मुग़ल साम्राज्य के समय की महत्वपूर्ण धरोहरों में से एक है, जो विशेष धार्मिक महत्व रखती है।
3. हौज खास मस्जिद
दिल्ली में स्थित हौज खास मस्जिद, जो ईदगाह के रूप में प्रसिद्ध है, वक्फ बोर्ड की संपत्ति के रूप में सूचीबद्ध है। यह दिल्ली के प्राचीन मस्जिदों में से एक है और इसका ऐतिहासिक महत्व बहुत बड़ा है।
4. सलीम चिश्ती का मकबरा
फतेहपुर सीकरी में स्थित सलीम चिश्ती का मकबरा भी वक्फ संपत्ति है। यह मुग़ल सम्राट अकबर के धार्मिक और सांस्कृतिक योगदान का प्रतीक है और इसे वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकृत किया गया है।
5. दिल्ली में जामा मस्जिद
दिल्ली की जामा मस्जिद, जिसे मुग़लकालीन स्थापत्य का अद्वितीय उदाहरण माना जाता है, वर्तमान में दिल्ली वक्फ बोर्ड के संरक्षण में है। यह भारत के सबसे बड़े मस्जिदों में से एक है और धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व रखती है।
इन स्मारकों का वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकरण, उनके ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को मान्यता देने के रूप में देखा जा सकता है। भारतीय वक्फ बोर्ड इन महत्वपूर्ण स्मारकों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए जिम्मेदार है।