सार
भारत-पाकिस्तान के बीच जंग के हालात बढ़ने पर न्यूक्लियर वॉर की चर्चा काफी तेज हो गई हैं। भारत के पास है S-400 से लेकर ब्रह्मोस और अग्नि जैसी वो ताकतें हैं, जो दुश्मनों को पलभर में सबक सिखा सकती हैं। इनकी ताकत के आगे दुश्मन देश कांप सकते हैं।
India Pakistan War : जंग के हालात के बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नेशनल कमांड अथॉरिटी (NCA) की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। यह वो टॉप अथॉरिटी है, जो परमाणु हथियार बनाने, कंट्रोल करने, सिक्योरिटी और इस्तेमाल की निगरानी करती है। इस खबर के बाद से ही न्यूक्लियर वॉर (Nuclear War) की बातें हो रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर वाकई इस युद्ध का सबसे खतरनाक चैप्टर शुरू होता है यानी न्यूक्लियर वॉर की नौबत आती है, तो भारत के पास क्या जवाब है? हमारी किस तरह की तैयारी है? आइए जानते हैं इंडिया की ताकत...
भारत की नीति पहले हमला नहीं, लेकिन जवाब घातक
भारत 'No First Use' पॉलिसी पर चलता है. मतलब हम कभी पहले परमाणु हथियार (Nuclear Weapons) इस्तेमाल नहीं करते, लेकिन अगर अटैक होता है तो हमारा जवाब पूरी तरह तबाही वाला होता है। ये नीति भारत को संयम के साथ-साथ पावरफुल भी बनाती है।
न्यूक्लियर वॉर की नौबत आने पर इंडिया की तैयारी
S-400 एयर डिफेंस: दुश्मन की मिसाइलें 400 KM दूर से ही तबाह
रूस से मिला S-400 सिस्टम भारत की पहली शील्ड है। अभी भी यह पाकिस्तान के सैंकड़ों ड्रोन और कई मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया है। ये मिसाइल डिटेक्शन और डिस्ट्रक्शन में इतना एडवांस है कि दुश्मन की मिसाइल को हवा में ही उड़ाने में माहिर है। भारत ने इसे चीन और पाकिस्तान दोनों फ्रंट पर तैनात कर रखा है।
ब्रह्मोस मिसाइल: पलक झपकते ही अटैक
ब्रह्मोस (BrahMos), भारत-रूस की जॉइंट मिसाइल है, जो साउंड से 3 गुना ज्यादा रफ्तार से चलती है। शुरुआत में ब्रह्मोस की रेंज 290 किलोमीटर थी, 2017 में 490 KM रेंज टेस्ट की गई। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, इसका अगला वर्जन 1500 किमी से ज्यादा मार करने में सक्षम होगा। इसकी ताकत है कम समय और ज्यादा नुकसान।
अग्नि सीरीज: हर दूरी पर वार करने की ताकत
भारत के पास अग्नि-1 से लेकर अग्नि-5 तक न्यूक्लियर कैपेबल मिसाइलें हैं। अग्नि-5 की रेंज 5,000 किमी तक है यानी पाकिस्तान क्या, चीन तक की सीमाएं भी इसके निशाने पर हैं।
न्यूक्लियर सबमरीन: समंदर से भी हमला
आईएनएस अरिहंत (INS Arihant) जैसी पनडुब्बियां (Submarines) भारत को बेहद ताकतवर बनाती हैं। ये सबमरीन पानी के नीचे से न्यूक्लियर मिसाइल दाग सकती हैं और सबसे बड़ी बात कि रडार में भी नहीं आती हैं।
DRDO-ISRO की टेक्नोलॉजी: रियल टाइम अलर्ट
इसरो (ISRO) और DRDO के पास ऐसी-ऐसी गजब की टेक्नोलॉजी हैं, जो सैटेलाइट्स से रियल टाइम डेटा, अटैक की सटीक डिटेल्स दे सकती है। इससे काउंटर अटैक काफी तेजी से करने का मौका मिलता है।
राफेल और तेजस: हवा से हमला भी तैयार
इंडियन एयरफोर्स के पास राफेल (Rafale) जैसे एडवांस्ड फाइटर जेट हैं, जो न्यूक्लियर हथियार ले जाने और दागने की क्षमता रखते हैं। ये फाइटर जेट 360 डिग्री हमला कर सकते हैं।
सिविल डिफेंस की तैयारी: जनता के लिए भी प्लान
भारत सरकार के पास एक सिविल डिफेंस स्ट्रैटेजी भी है, जिसमें अपने लोगों को सुरक्षित जगह, शेल्टर और सप्लाई देने की कमाल की व्यवस्था है। इसके अलावा कई और हाईटेक और एडवांस्ड वैपेंस भी हैं।