ये है भारत की परमाणु पनडुब्बी INS Arihant, आहट से कांपते हैं दुश्मन
INS Arihant: भारत दुनिया के उन चंद देशों में शामिल है, जिसके पास परमाणु हमला करने में सक्षम परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी है। डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बी को बैटरी चार्ज करने के लिए तय समय बाद सतह पर आना पड़ता है, जिससे पकड़े जाने का खतरा होता है।
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आईएनएस अरिहंत से कांपते हैं दुश्मन
वहीं, परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी को बेहद लंबे वक्त तक पानी के नीचे छिपाकर रखा जा सकता है, जिसके चलते ये बेहद घातक हो जाती हैं। भारतीय नौसेना के पास ऐसे दो परमाणु पनडुब्बी हैं। एक का नाम आईएनएस अरिहंत और दूसरे का नाम आईएनएस अरिघात है। ये इतने खतरनाक हैं कि इनके आहट से ही दुश्मन कांप उठते हैं। आइए आईएनएस अरिहंत के बारे में जानते हैं।
स्वदेशी न्यूक्लियर सबमरीन है आईएनएस अरिहंत
आईएनएस अरिहंत भारत का पहला स्वदेशी न्यूक्लियर सबमरीन है। इसे तैयार करने में 2.9 बिलियन डॉलर (24995 करोड़ रुपए) की लागत आई थी। भारत की पहली स्वदेश निर्मित परमाणु पनडुब्बी अरिहंत की लागत 2.9 बिलियन डॉलर है। इसे भारतीय नौसेना, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने संयुक्त रूप से विशाखापत्तनम में नौसेना डॉकयार्ड में विकसित किया है। रूसी डिजाइनरों ने इस पोत के निर्माण में सहायता की है।
110 मीटर लंबा और 11 मीटर चौड़ा है अरिहंत
अरिहंत का डिजाइन रूसी अकुला-1 क्लास पनडुब्बी पर आधारित है। इसका वजन 6,000 टन है। लंबाई 110 मीटर और चौराई 11 मीटर है। इसमें चालक दल के 95 सदस्यों के रहने की जगह है। इसमें 80 मेगावाट का प्रेशराइज्ड वाटर रिएक्टर (PWR) लगा है। PWR को भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र ने रूसी डिजाइन टीम की सहायता से विकसित किया है।
परमाणु हमला करने वाले मिसाइल ले जाता है अरिहंत
अरिहंत में पानी से भीतर से बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता है। यह 12 K-15 SLBM (Submarine Launch Ballistic Missile) ले जाता है। K-15 10.4 मीटर लंबा और 1मीटर मोटा मिसाइल है। इसका वजन 63 क्विंटल है। यह 5t का परमाणु वारहेड ले जाता है। इसका रेंज 750km है। इसके साथ ही अरिहंत के पास कई तरह के एंटी शिप और जमीन पर हमला करने वाले क्रूज मिसाइल हैं। यह अपने साथ टारपीडो भी ले जाता है।
300 मीटर गहराई तक गोता लगा सकता है अरिहंत
पानी के सतह पर अरिहंत की रफ्तार 27.78km/h तक है। वहीं, पानी के भीतर यह 44.44km/h की रफ्तार से आगे बढ़ सकता है। यह 300 मीटर की गहराई तक गोता लगा सकता है।