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क्यों फ्रांस से 26 राफेल विमान खरीद रहा भारत, 25 या 30 नहीं, क्या है मैजिक नंबर का मतलब?
Rafale M: भारत ने फ्रांस से 26 राफेल एम (Rafale-Marine) लड़ाकू विमान खरीदने का फैसला किया है। इसके लिए करीब 63 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। ऐसे में एक सवाल उठता है कि 26 विमान ही क्यों खरीदे जा रहे हैं? 25 या 30 क्यों नहीं?
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इंडियन नेवी को क्यों चाहिए लड़ाकू विमान?
भारतीय नौसेना (Indian Navy) इस समय रूस से खरीदे गए MiG-29K लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल कर रही है। नेवी के पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) और आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) हैं। 2004 से 2010 के बीच कुल 45 लड़ाकू विमान खरीदे गए थे। इन विमानों के साथ टेक्निकल परेशानी बनी रही। इतने सालों में विमानों का नुकसान भी हुआ है। इसके चलते इस समय नेवी के पास लड़ाकू विमानों की संख्या करीब 40 बची है। इनमें से केवल 15% से 47% ही किसी भी समय काम कर रहे होते हैं।
विमानवाहक पोत से ऑपरेट होता है राफेल एम
रखरखाव और दूसरी चुनौतियों के चलते बाकी विमान उड़ने की हालत में नहीं होते। इसने नौसेना को समुद्र में युद्ध के लिए तैयार रखने के लिए अधिक विश्वसनीय और एडवांस विमानों की तत्काल आवश्यकता पैदा कर दी है। जहां तक राफेल-एम की बात है यह राफेल लड़ाकू विमान का नेवल वर्जन है। यह आधुनिक और भरोसेमंद है। इंडियन एयर फोर्स पहले से 36 राफेल विमानों का इस्तेमाल कर रही है। राफेल-एम को विशेष रूप से विमानवाहक पोत से ऑपरेट होने के लिए डिजाइन किया गया है।
राफेल-एम और राफेल-सी में क्या है अंतर
राफेल-एम को एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भरने और उसपर लैंड होने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें राफेल-सी से अधिक मजबूत लैंडिंग गियर लगाए गए हैं। इसके विंग को फोल्ड कर सकते हैं। वहीं, वायुसेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले राफेल-सी में विंग फोल्ड करने की जरूरत नहीं है। इसलिए यह सुविधा नहीं दी गई है। दोनों के इंजन, रडार, हथियार और कंट्रोल एक जैसे हैं। चूंकि दोनों वर्जन इलेक्ट्रॉनिक्स और डिजाइन में एक जैसे हैं इसलिए पायलट ट्रेनिंग और विमान का रखरखाव आसान हो जाता है। नौसेना और वायु सेना दोनों प्रकार के राफेल को सपोर्ट करने के लिए समान सुविधाओं और प्रणालियों का उपयोग कर सकती हैं। इससे समय और पैसे की बचत होती है।
भारत के पास इस समय हैं 36 राफेल विमान
इंडियन एयर फोर्स के पास इस समय 36 राफेल विमान हैं। इन्हें अंबाला और हाशिमारा में तैनात किया गया है। भारत के पास 28 राफेल-सी विमान हैं। इनमें एक सीट होता है। इसका मुख्य काम लड़ाई करना है। इसके साथ भी भारत के पास 8 राफेल-B विमान हैं। इनमें दो सीट होते हैं। इनका इस्तेमाल मुख्य रूप से ट्रेनिंग में होता है। जंग के दौरान इससे लड़ाई लड़ी जा सकती है।
इंडियन नेवी के लिए क्यों खरीदे जा रहे हैं 26 राफेल विमान?
इंडियन नेवी के लिए 26 लड़ाकू विमान खरीदने का फैसला यूं ही नहीं लिया गया है। भारत का सबसे नया एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत 2022 में लॉन्च हुआ था। यह 26 लड़ाकू विमानों को लेकर चल सकता है। इसलिए 26 राफेल एम विमान खरीदने का फैसला हुआ है। इनमें से 22 एक सीट वाले और 4 दो सीट वाले होंगे। दो सीट वाले विमान का इस्तेमाल ट्रेनिंग देने में होगा। अगर भारत 25 राफेल एम विमान खरीदता तो विक्रांत पर एक विमान रखने की जगह खाली रह जाती। वहीं, अगर 30 विमान खरीदे जाते तो उन्हें रखने के लिए जगह नहीं होता।