सार
नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पिछले महीने हुए आतंकी हमले के बाद सिंधु जल समझौते को अस्थायी रूप से रोकने के पाकिस्तानी प्रतिनिधि के बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा कि पाकिस्तान सरकार द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के कारण 65 साल पुराने इस समझौते को रोकना पड़ा।
पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि 'पानी जीवन है, हथियार नहीं', इस बयान के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की। 1960 में हुए इस समझौते को 23 अप्रैल को भारत ने अस्थायी रूप से रोक दिया था, पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने यह कदम उठाया। आतंकी हमले का सीमा पार से संबंध होने के बाद भारत ने यह कार्रवाई की। पर्वतनेनी हरीश ने कहा कि एक नदी तटीय राष्ट्र होने के नाते भारत ने हमेशा जिम्मेदारी से काम किया है।
हरीश ने कहा कि भारत ने 65 साल पहले सिंधु जल समझौते पर पूरे भरोसे के साथ हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते की प्रस्तावना बताती है कि यह कैसे सद्भावना और दोस्ती के साथ संपन्न हुआ। उन्होंने आगे कहा कि साढ़े छह दशकों में, तीन युद्धों और हजारों आतंकी हमलों के साथ पाकिस्तान ने इस समझौते की आत्मा का उल्लंघन किया है।
उन्होंने कहा कि पिछले चार दशकों में 20,000 से ज्यादा भारतीय आतंकी हमलों में मारे गए हैं। भारत में पाकिस्तान सरकार द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद आम लोगों की जान, धार्मिक सद्भाव और आर्थिक विकास को नष्ट करने की कोशिश करता है। भारतीय राजदूत ने कहा कि 65 वर्षों में, सीमा पार आतंकवाद से सुरक्षा चिंताओं में वृद्धि ही नहीं हुई है, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन और जनसंख्या परिवर्तन की बढ़ती जरूरतों में भी व्यापक बदलाव आए हैं।
सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए बांध के बुनियादी ढांचे की तकनीक में बदलाव आया है। कुछ पुराने बांध गंभीर सुरक्षा खतरों का सामना कर रहे हैं। हालांकि, पाकिस्तान इन बुनियादी ढांचे में बदलाव और समझौते के तहत अनुमेय प्रावधानों में बदलाव का लगातार उल्लंघन करता रहा है। हरीश ने कहा कि 2012 में जम्मू-कश्मीर में तुलबुल नेविगेशन परियोजना पर भी आतंकवादियों ने हमला किया था। पिछले दो वर्षों में, भारत ने कई बार पाकिस्तान से आधिकारिक तौर पर समझौते में संशोधन पर चर्चा करने का अनुरोध किया है।
हालांकि, पाकिस्तान इन्हें मानने से इनकार करता रहा है। इसके अलावा, भारत के वैध अधिकारों का पूरी तरह से उपयोग करने से रोकने के लिए पाकिस्तान लगातार आपत्तियां उठाता रहा है। भारतीय राजदूत ने कहा कि आतंकवाद के वैश्विक केंद्र पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद का समर्थन बंद करने तक भारत ने समझौते को रोकने की घोषणा की है।