how hyderabad gulzar house change into gas chamber: हैदराबाद के चारमीनार के पास 'गुलजार हाउस' में लगी भीषण आग ने एक ही परिवार के 17 लोगों की जान ले ली। जानिए कैसे एक मकान गैस चैंबर में तब्दील हो गया।
Hyderabad gas chamber house: हैदराबाद का दिल, ऐतिहासिक चारमीनार से महज 100 मीटर दूर 'गुलजार हाउस' की तंग गलियों में रविवार की सुबह जो हुआ, उसने पूरे शहर को झकझोर दिया। एक खुशहाल पारिवारिक मिलन समर वेकेशन (Summer Vacation) की छुट्टियों में बच्चों की हंसी से गूंज रहा था लेकिन कुछ ही मिनटों में वह घर एक 'गैस चैंबर' (Gas Chamber) में बदल गया। खुशियों का घर कुछ ही पलों में तबाही और मातम में तब्दील हो गया।
मौत की चिंगारी
सुबह-सुबह जब परिवार के लोग सो रहे थे तभी किसी वजह से आग लग गई। इस इमारत में एक ही प्रवेश द्वार (Single Entry Point) था और सभी खिड़कियां बंद थीं, एसी (Air Conditioner) चल रहे थे। न आग बाहर जा सकी, न धुआं। कुछ ही पलों में वह मकान दम घोंटने वाली जहरीली गैस का चक्रव्यूह बन गया।
धुएं ने छीनी सांसें, आग ने नहीं जलाया
तेलंगाना डिजास्टर रिस्पॉन्स एंड फायर सर्विसेज के डीजी वाई नाग्गी रेड्डी ने बताया कि किसी के भी शरीर पर जलने के निशान नहीं मिले। मौत की वजह आग नहीं, बल्कि धुएं का दमघोंटू असर (Smoke Inhalation) रहा। ज़हर बने धुएं ने सबको मिनटों में बेहोश कर दिया। ज़्यादातर लोगों को भागने का मौका तक नहीं मिला।
एक ही दरवाज़ा, कोई रास्ता नहीं
जिस इमारत में यह हादसा हुआ, उसमें सिर्फ एक तंग दरवाजा था। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस स्नेहा मेहरा ने बताया कि अग्निशामकों को एक और प्रवेश द्वार तोड़कर बनाना पड़ा। उन्होंने कहा कि अंदर ज़्यादातर लोग बेसुध पड़े थे, बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था।
एक परिवार, चार बेटियां और बच्चे, सब खत्म
इस मकान में रहने वाले व्यक्ति की चार बेटियां और उनके बच्चे समर हॉलीडे में मिलने आए थे। उन्हीं में से आठ बच्चे इस हादसे में मारे गए। एक ही परिवार के कुल 17 लोगों की जान गई। यह सिर्फ हादसा नहीं, पीढ़ियों का अंत था।
गुलजार हाउस बना खतरे का केंद्र
गुलजार हाउस की निचली मंज़िल पर दर्जनों मोती और ज्वेलरी की दुकानें हैं। हैदराबाद एंड सिकंदराबाद पर्ल्स एसोसिएशन के सचिव श्याम सुंदर अग्रवाल ने बताया कि एक हफ्ते में तीन बार आग लग चुकी है। उन्होंने बिजली के तेज वोल्टेज फ्लक्चुएशन (Voltage Fluctuation) को ज़िम्मेदार ठहराया और स्थानीय प्रशासन से पुख्ता फायर सेफ्टी (Fire Safety) इंतज़ाम की मांग की।
फायर अलार्म और सेफ्टी गियर की सख्त ज़रूरत
फायर सर्विस प्रमुख रेड्डी ने यह भी कहा कि यहां आग बुझाने के लिए पानी की कोई कमी नहीं है लेकिन फायर सेफ्टी की बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। इस पुराने इलाकों में फायर और स्मोक अलार्म (Smoke Alarm) जैसी बुनियादी चीजें भी नहीं हैं।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की संवेदना
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी सहित देश के तमाम नेताओं ने इस घटना पर गहरा शोक जताया है। पीएम फंड व मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने का ऐलान किया है।