सार
गुजरात एटीएस और डीआरआई ने गुजरात में हेरोइन की बड़ी खेप बरामद की है। हेरोइन ड्रग्स के घोल में धागों को डुबोकर उसे कंटेनरों में भारत भेजा जा रहा था। धागा के नाम पर कोई खास चेकिंग होती नहीं थी।
अहमदाबाद। तस्कर भी पुलिस से बचने के लिए तरह तरह के तरीके अख्तियार करते रहते हैं। गुजरात में हेरोइन में भिगोकर रखा गया धागा बरामद किया गया है। धागों के गाठों को हेरोइन ड्रग्स के घोल में डूबाकर रखा गया है। इन गाठों को हेरोइन के घोल में पूरी तरह से डुबोकर उसे फिर सूखाकर पैक कर भेज दिया जा रहा है। गुजरात पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया ने तस्करों के सिंडिकेट के इस नए तौर तरीके का खुलासा किया है।
450 करोड़ की हेरोइन गुजरात में बरामद
गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने एक संयुक्त अभियान में अमरेली जिले के पिपावाव बंदरगाह पर पहुंचे एक शिपिंग कंटेनर से 90 किलोग्राम हेरोइन बरामद किया है। इस ड्रग्स की कीमत 450 करोड़ रुपये मूल्य आंकी जा रही है।
राज्य के पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया ने कहा कि अधिकारियों को चकमा देने के लिए, ड्रग सिंडिकेट ने एक अनोखा तौर-तरीका लागू किया था, जिसमें हेरोइन युक्त घोल में धागों को भिगोया जाता था, जिसे बाद में सुखाया जाता था, गांठों में बनाया जाता था और निर्यात के लिए बैग में पैक किया जाता था।
भाटिया ने बताया कि धागे के बड़े बैग वाले कंटेनर लगभग पांच महीने पहले ईरान से पिपावाव बंदरगाह पर पहुंचे थे। लगभग 395 किलोग्राम वजन वाले धागे वाले चार संदिग्ध बैगों के फोरेंसिक विश्लेषण से पता चला कि धागे में अफीम डेरिवेटिव या हेरोइन था। यानी उन धागों में करीब 90 किलोग्राम हेरोइन है जिनकी कीमत ₹450 करोड़ है।
धागों के गाठों को सामान्य गाठों के साथ भेजा
डीआरआई ने कहा कि हेरोइन से लथपथ धागे वाले इन बैगों को अधिकारियों द्वारा पता लगाने से बचने के लिए सामान्य धागे की गांठ वाले अन्य बैगों के साथ भेज दिया गया था। डीआरआई ने बताया कि धागों में मिली हेरोइन को जल्द निकाला जाएगा। फिलहाल, ड्रग्स को एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के प्रावधानों के तहत डीआरआई द्वारा जांच के बाद जब्त कर लिया गया है।
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