Tue, 08 Jul, 2025 IST
hindi
MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaMarathimynation
Follow us on
  • whatsapp
  • YT video
  • Facebook
  • insta
  • Twitter
Download App
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • खेल
  • फोटो
  • गेम्स
  • वीडियो
  • वायरल
  • ज्योतिष
  • Home
  • National News
  • Padma Award 2023 में शामिल 26 यूनिक लोगों की कहानीः किसी ने 2 रु. में किया इलाज तो किसी को कहते हैं गांधी

Padma Award 2023 में शामिल 26 यूनिक लोगों की कहानीः किसी ने 2 रु. में किया इलाज तो किसी को कहते हैं गांधी

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के अवसर पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई। इनमें 26 ऐसे नाम हैं जिन्होंने मेडिकल और कला से लेकर समाज कल्याण तक, हर क्षेत्र में काम किया और अपनी बदौलत बदलाव लाया। किसी ने 2 रु. में इलाज किया तो किसी को लोग गांधी कहते हैं।

5 Min read
Vivek Kumar
Published : Jan 26 2023, 03:53 PM IST | Updated : Jan 26 2023, 04:44 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • Google NewsFollow Us
126
Image Credit : Asianet News

दिलीप महालनाबिस ने ORS के इस्तेमाल को विश्वभर में आगे बढ़ाया। इससे दुनियाभर में 5 करोड़ से अधिक लोगों की जान बचाई गई। ORS के इस्तेमाल से डायरिया, हैजा और निर्जलीकरण से होने वाली मौतों में 93% की कमी हुई।

226
Image Credit : Asianet News

रतन चंद्र कर रिटायर सरकारी डॉक्टर हैं। उन्होंने अंडमान के जारवा जनजाति के साथ काम किया है। यह जनजाति उत्तरी सेंटिनल से 48 किमी दूर एक द्वीप पर रहती है। उन्होंने खसरे के दौरान जारवाओं का इलाज किया था। 1999 में फैली खसरे की महामारी ने जारवा जनजाति को विलुप्ती के कगार पर पहुंचा दिया था।

326
Image Credit : Asianet News

हीराबाई लोबी ने सिद्दी आदिवासियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है। वह अनाथ बच्चों को पालती हैं और उन्हें शिक्षा देती हैं।

426
Image Credit : Asianet News

मुनीश्वर चंद्र डावर ने 1971 के युद्ध में भारतीय सेना के डॉक्टर के रूप में काम किया था। वह जबलपुर में गरीब लोगों का इलाज करते हैं। उनकी फीस सिर्फ 20 रुपए है। 2010 तक वह सिर्फ दो रुपए में इलाज करते थे।

526
Image Credit : Asianet News

रामकुइवांगबे न्यूमे नागा सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने हेराका धर्म के संरक्षण में अपना जीवन समर्पित कर दिया है। वह हेराका स्वदेशी संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने 10 प्राइमरी स्कूलों की स्थापना की और महिलाओं को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया।

626
Image Credit : Asianet News

वी पी अप्पुकुट्टन पोडुवल गांधीवादी और स्वतंत्रता सेनानी हैं। उन्होंने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया था। वह पिछले 8 दशकों से समाज के कमजोर वर्गों के लिए काम कर रहे हैं। लोग उन्हें गांधी कहते हैं।

726
Image Credit : Asianet News

संकुरथ्री चंद्र शेखर सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने अपना जीवन मुफ्त इलाज करने में समर्पित कर दिया है। वह जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा भी देते हैं। उन्होंने 3 लाख से अधिक नेत्र रोगियों का इलाज किया है। इसमें से 90 फीसदी सर्जरी मुफ्त की है।

826
Image Credit : Asianet News

नेकराम शर्मा जैविक खेती करते हैं। उन्होंने नौ-अनाज की पारंपरिक फसल प्रणाली को पुनर्जीवित किया है। नौ अनाज एक प्राकृतिक इंटरक्रॉपिंग विधि है। इसमें जमीन के एक टुकड़े पर बिना किसी रसायन के इस्तेमाल के 9 अनाज उगाए जाते हैं। इससे 50 फीसदी कम पानी लगता है और जमीन की उर्वरता बढ़ती है।

926
Image Credit : Asianet News

जनम सिंह सोय कोल्हान विश्वविद्यालय से रिटायर हैं। वह चार दशक से ट्राइबल हो भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने हो जनजाति की संस्कृति और जीवन शैली पर 6 पुस्तकें लिखीं हैं।

1026
Image Credit : Asianet News

धनीराम टोटो ने टोटो (डेंगका) भाषा का संरक्षक किया है। बिना किसी औपचारिक ट्रेनिंग के वह भाषाविद् और टोटो भाषा लिपि के वास्तुकार हैं। इस भाषा में 37 अक्षर हैं। वह टोटो भाषा में उपन्यास लिखने वाले पहले लेखक हैं। टोटो (डेंगका) एक लुप्तप्राय भाषा है।

1126
Image Credit : Asianet News

बी रामकृष्णा रेड्डी भाषा विज्ञान के प्रोफेसर हैं। उन्होंने कुवी, मंदा और कुई जैसी आदिवासी और दक्षिणी भाषाओं के संरक्षण में अपार योगदान दिया है। उन्होंने मंडा-इंग्लिश डिक्शनरी और कुवि उड़िया-इंग्लिश डिक्शनरी का मसौदा तैयार किया है।

1226
Image Credit : Asianet News

अजय कुमार मंडावी लकड़ी पर नक्काशी करते हैं। उन्होंने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के ऐसे लोग जो भटक गए हैं उन्हें फिर से मुख्यधारा में लाने में बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने 350 से अधिक लोगों का जीवन बदला। वह युवाओं को बंदूक छोड़कर लकड़ी सुलेख सीखने के लिए छेनी उठाने को प्रेरित करते हैं। 

1326
Image Credit : Asianet News

रानी मचैया फोल्क डांसर हैं। उन्होंने नृत्य के माध्यम से कोडवा संस्कृति को बढ़ावा दिया है और उसे संरक्षित किया है। वह महिला कलाकारों को उम्माथैट फोक की ट्रेनिंग भी देती हैं। 

1426
Image Credit : Asianet News

के सी रनरेमसंगी मिजो लोक गायिका हैं। वह मिजो सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ा रही हैं। उन्होंने पूरे देश में परफॉर्म किया है। इन्हें 2017 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला था। 

1526
Image Credit : Asianet News

राइजिंगबोर कुर्कलंग मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स के निवासी हैं। वह आदिवासी दुइतारा वाद्य यंत्र के निर्माता और संगीतकार हैं। उन्होंने दुनिया भर में खासी लोक संगीत और वाद्ययंत्रों (सैतार और दुइतारा) को लोकप्रिय बनाना है।

1626
Image Credit : Asianet News

102 साल के मंगला कांति राय सबसे उम्रदराज सरिंदा वादक है। वह सबसे पुराने लोक संगीतकारों में से एक हैं। कांति राय सरिंदा की मदद से चिड़ियों की आवाज निकालने के लिए प्रसिद्ध हैं। 

1726
Image Credit : Asianet News

मोआ सुबोंग प्रसिद्ध नागा संगीतकार हैं। उन्होंने बांस से नया और आसानी से बजने वाला वाद्य यंत्र बमहुम बनाया है। उन्होंने एबियोजेनेसिस नामक म्यूजिक बैंड की स्थापना की। यह बैंड पारंपरिक नागा संगीत को आधुनिक रॉक म्यूजिक के साथ मिश्रित करता है।

1826
Image Credit : Asianet News

डोमर सिंह कुंवर छत्तीसगढ़ी नाट्य नाच कलाकार हैं। उन्होंने सुल्ताना डाकू पर प्ले लिखा था। इसे 13 बोलियों और भाषाओं में भारत भर में 5,000 से अधिक बार प्रस्तुति किया गया है। 

1926
Image Credit : Asianet News

मुनिवेंकटप्पा ने लोक वाद्ययंत्र थामेट को संरक्षित किया है। थमाटे एक तबला वाद्य यंत्र है। 16 साल की उम्र में मुनिवेंकटप्पा ने थामाटे बजाना शुरू किया था। वह दूसरे कलाकारों को भी इसकी ट्रेनिंग देते हैं।

2026
Image Credit : Asianet News

परशुराम कोमाजी खुने झडिपट्टी लोक रंगकर्मी हैं। उन्होंने 5,000 से अधिक नाटक शो में 800 अलग-अलग भूमिकाएं निभाई हैं। उन्होंने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं को लोक संस्कृति में शामिल कर मुख्यधारा में लाने में बड़ा योगदान दिया है। 
 

Vivek Kumar
About the Author
Vivek Kumar
विवेक कुमार। डिजिटल मीडिया में 12 साल का अनुभव। मौजूदा समय में एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ बतौर सीनियर सब एडिटर काम कर रहे हैं। नेशनल, वर्ल्ड, ट्रेन्डिंग टॉपिक, एक्सप्लेनर, डिफेंस, पॉलिटिक्स जैसे टॉपिक में इनका इंट्रेस्ट है। इन्होंने एमएससी किया हुआ है। मूलतः ये बिहार के रहने वाले हैं। Read More...
 
Recommended Stories
Top Stories
Asianet
Follow us on
  • whatsapp
  • YT video
  • Facebook
  • insta
  • Twitter
  • Andriod_icon
  • IOS_icon
  • About Us
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved