सार

नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत ने भारत में 80 घंटे काम करने की ज़रूरत बताई है, जिससे काम के घंटे बढ़ने की चर्चा शुरू हो गई है। क्या भारत में 8-9 घंटे की नौकरी 11-12 घंटे की हो जाएगी?

नई दिल्ली. इन्फोसिस के नारायण मूर्ति ने हफ्ते में 70 घंटे काम करने को कहा था, तो एल एंड टी प्रमुख एनएस सुब्रमण्यन ने 90 घंटे काम करना ज़रूरी बताया था. ये बयान खूब चर्चा में रहे. अब नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने एक और विस्फोटक बयान दिया है. उन्होंने भारत में 80 घंटे काम करना ज़रूरी बताया है. इसके साथ ही, भारत में 8 या 9 घंटे की नौकरी का समय 11-12 घंटे तक बढ़ने की संभावना पर चर्चा शुरू हो गई है.

भारत में वर्क लाइफ बैलेंस पर खूब बहस हो रही है. इसकी वजह है कि कई दिग्गज हफ्ते में काम के घंटे बढ़ाने की बात कर रहे हैं. अब केंद्र सरकार के नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत का बयान गंभीर रूप ले रहा है. इससे लोगों में डर है कि सरकार काम के घंटे बढ़ा सकती है.

एक निजी कार्यक्रम में वर्क लाइफ बैलेंस पर बोलते हुए अमिताभ कांत ने कहा कि आजकल सब कुछ फैशन हो गया है, लेकिन कोई भी कड़ी मेहनत के लिए तैयार नहीं है. भारतीयों को और मेहनत करनी होगी. अभी जो मेहनत हो रही है, उससे दुनिया में मुकाबला नहीं किया जा सकता. भारत को 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था से 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए हफ्ते में कम से कम 80 या 90 घंटे काम करना होगा. काम समय पर पूरा होना चाहिए, वो भी बेहतरीन क्वालिटी के साथ. इसके लिए ज़्यादा समय चाहिए. इसके लिए सालों नहीं लगाए जा सकते, इसलिए रोज़ाना काम के घंटे बढ़ाने होंगे.

अमिताभ कांत ने कहा कि भारत में अभी काम के घंटे बहुत कम हैं. ये नियम है, लेकिन देश के विकास और अर्थव्यवस्था की प्रगति के लिए काम के घंटे बढ़ाने ज़रूरी हैं. उनका ये बयान काम के घंटों की बहस को और हवा दे रहा है. इससे पहले इन्फोसिस के नारायण मूर्ति ने हफ्ते में 70 घंटे काम करने की बात कही थी, जिस पर विवाद हुआ था. इसके बाद एल एंड टी प्रमुख एनएस सुब्रमण्यन ने 90 घंटे काम करने को कहा था. उन्होंने कहा था कि रविवार को घर पर बैठकर क्या करते हो, ऑफिस आकर काम करो. इसके बाद अमीर उद्योगपति एलन मस्क ने हफ्ते में 120 घंटे काम करने की बात कही थी. अब अमिताभ कांत की बारी है. इन सब बहसों से लोगों को डर है कि सरकार काम के घंटे बढ़ा देगी. हाल ही में सरकार ने इस बारे में सफाई दी है कि अभी काम के घंटे बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है.