नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के विमान वाहक युद्धपोत (Aircraft Carrier) आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) ने इतिहास रचा है। इस युद्धपोत पर पहली बार रात में नौसेना के लड़ाकू विमान MiG-29K ने लैंडिंग की है। लड़ाई के दौरान यह क्षमता काफी काम आती है।

 

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भारतीय नौसेना के पीआरओ कमांडर विवेक मधवाल ने कहा कि आईएनएस विक्रांत पर ट्रायल चल रहा है। इस दौरान फाइटर प्लेन ने नाइट लैंडिंग की है। यह बहुत चुनौतीपूर्ण था। सफल लैंडिंग से विक्रांत के चालक दल और नौसैनिक पायलटों की क्षमता का प्रदर्शित हुआ है।

जंग के दौरान बड़े काम आती है यह क्षमता

दरअसल, युद्धपोत नौसेना के लिए समुद्र में तैरते एयरबेस की तरह काम आते हैं। इनपर लड़ाकू विमानों की तैनाती की जाती है। विमान यहां से उड़ते हैं और हमला या बचाव के ऑपरेशन को अंजाम देकर लौट जाते हैं। कई बार रात में लड़ाकू विमानों को उड़ान भड़ने और लैंड करने की जरूरत होती है। आईएनएस विक्रांत के पास नाइट लैंडिंग की क्षमता होने से रात में भी यहां से विमान ऑपरेट किए जा सकते हैं।

भारतीय नौसेना के पास हैं दो एयरक्राफ्ट करियर

भारतीय नौसेना के पास वर्तमान में दो एयरक्राफ्ट करियर हैं। एक का नाम आईएनएस विक्रमादित्य है और दूसरे का नाम आईएनएस विक्रांत है। आईएनएस विक्रमादित्य का इस्तेमाल नौसेना द्वारा एक्टिव ड्यूटी में किया जा रहा है। इसपर रूस से खरीदे गए लड़ाकू विमान MiG 29K को तैनात किया गया है। आईएनएस विक्रांत का अभी ट्रायल चल रहा है। इसके लिए नौसेना नए लड़ाकू विमान खरीदने वाली है। फ्रांस के राफेल एम और अमेरिका के F-18 सुपर हॉर्नेट के बीच टक्कर है। दोनों विमानों को नौसेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सबसे अच्छे लड़ाकू विमानों में गिना जाता है।