सार
वित्त मंत्री ने कहा, ऐसा नहीं है कि मंदी की समस्या सिर्फ भारत के लिए है बल्कि दुनिया के बाकी देश भी इस समय मंदी का सामना कर रहे हैं। भारत सरकार आर्थिक सुधार की दिशा में लगातार काम कर रही है।
नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मंदी देखते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देश के आर्थिक हालात के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि भारत मंदी का सामना कर रहा है। वित्त मंत्री ने कहा, ऐसा नहीं है कि मंदी की समस्या सिर्फ भारत के लिए है बल्कि दुनिया के बाकी देश भी इस समय मंदी का सामना कर रहे हैं। भारत सरकार आर्थिक सुधार की दिशा में लगातार काम कर रही है। हमारी अर्थव्यवस्था दूसरों के मुकाबले काफी मजबूत है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री द्वारा की गई 10 बड़ी बातें आपको बताते हैं...
1. वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शुरुआती दौर में ही 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी ताकि बैंक बाजार में 5 लाख करोड़ रुपये तक की नकदी जारी करने में सक्षम हो सके। छोटे उद्योगों के अब तक के सभी लंबित जीएसटी रिफंड का भुगतान 30 दिन के भीतर कर दिया जाएगा।
2. भविष्य के रिफंड मामलों को 60 दिन के भीतर निपटाने की कोशिश की जाएगी। वहीं, बैंकों ने रेपो दर में कटौती का फायदा ग्राहकों को पहुंचाने का फैसला किया है। रेपो दर या बाहरी मानक आधारित कर्ज उत्पाद पेश किए। बैंक घर और वाहन के लिए कर्ज सस्ता करेंगे। जबकि 2020 तक खरीदे गए भारत मानक-चार के वाहन पंजीकरण की पूरी अवधि तक परिचालन में बने रहेंगे।
3. वित्त मंत्री ने कहा कि आधार बेस्ड KYC के जरिए डीमैट और म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए अकाउंट खोलने की इजाजत होगी। वहीं, अब MSME की केवल एक परिभाषा होगी, इसके जरिए कंपनियां अपने काम आसानी से कर सकती हैं। MSME एक्ट को जल्द ही कैबिनेट के सामने ले जाया जाएगा।
4. निर्मला सीतारमण ने कहा कि लोन क्लोज होने के बाद सिक्योरिटी रिलेटेड डॉक्यूमेंट बैंकों को 15 दिन के भीतर देना होगा। लोन आवेदन की ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। वहीं, अब लोन खत्म होने के 15 दिन के अंदर कागजात देने होंगे।
5. लॉन्ग, शॉर्ट टर्म कैपिटेल गेन सरचार्ज वापस लिया जाएगा। सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनस और ईज ऑफ लिविंग पर फोकस कर रही है। अब विजयादशमी से केंद्रीय सिस्टम से नोटिस भेजे जाएंगे। टैक्स के नाम पर किसी को परेशान नहीं किया जाएगा। टैक्स उत्पीड़न की घटनाओं पर रोक लगेगी।
6. सराकारी बैंकों के लिए 70 हजार करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे। सरकार पर टैक्स को लेकर लोगों को परेशान करने वाले आरोप झूठे हैं। हम जीएसटी की प्रक्रिया को और सरल बनाने जा रहे हैं टैक्स से जुड़े कानूनों में भी सुधार की जाएगी। इसी तरह हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को भी 30 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
7. टैक्स और लेबर कानूनों में लगातार सुधार हो रहा है। आर्थिक सुधारों की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है। इनकम टैक्स रिटर्न भरना पहले से काफी आसान हुआ है। भविष्य में GST को और आसान बनाया जाएगा।
8. वित्त मंत्री ने कहा कि स्टार्टअप्स और उनके निवेशकों की दिक्कतों को दूर करने के लिए उनके लिए 'एंजल कर' के प्रावधान को भी वापस लेने का भी फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सदस्य के तहत स्टार्टअप्स की समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रकोष्ठ बनाया जाए।
9. मार्च 2020 तक खरीदे गए भारत मानक-चार के वाहन पंजीकरण की पूरी अवधि तक परिचालन में बने रहेंगे। सरकार पुराने वाहनों के लिए कबाड़ नीति बनाएगी। वित्त मंत्री ने सरकारी गाड़ियों की खरीद पर लगी रोक को भी हटाने का निर्णय लिया।
10. वित्त मंत्री ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि एफपीआई, घरेलू निवेशकों से 'सुपर रिच' कर वापस लेने से सरकार को 1,400 करोड़ रुपये भी देगी। वर्ष 2019-20 के बजट में ऊंची कमाई करने वालों पर ऊंची दर से कर अधिभार लगा दिया गया है।