विमान हादसे में मारे गए अर्जुन पटोला अपनी पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी करने भारत आए थे। लेकिन, वह अपनी चार और आठ साल की दो बेटियों के पास वापस नहीं लौट सके।

242 लोगों को लेकर सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का बोइंग विमान हादसे का शिकार हो गया, जिसमें 294 लोगों की जान चली गई। अपनी पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए उनके पैतृक गांव आए 38 वर्षीय अर्जुन पटोला भी उनमें से एक थे। चार और आठ साल की दो बेटियों के पास उनकी वापसी की यात्रा उनकी दिवंगत पत्नी के साथ ही हो गई।

एक हफ्ते पहले ही ब्रिटिश नागरिक अर्जुन की पत्नी भारती बेन का निधन हुआ था। भारती की इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार उनके गांव में किया जाए। पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए अर्जुन उनकी अस्थियां लेकर आए थे। गुजरात के अमरेली जिले के उनके गांव में परिवारवालों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार के बाद, यूके में अपनी चार और आठ साल की दो बेटियों के पास लौटने का उनका सफर पूरा नहीं हो सका, जैसा कि डेली मेल की रिपोर्ट में बताया गया है।

सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से अर्जुन जिस एयर इंडिया के बोइंग विमान में सवार हुए, वह सिर्फ 600 फीट की ऊंचाई तक ही जा सका। उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद दोपहर 1.40 बजे विमान मेखानी नगर में बीजे मेडिकल कॉलेज के मेन्स हॉस्टल पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में 232 यात्री, 10 क्रू मेंबर और दो पायलट सवार थे। यात्रियों में 53 ब्रिटिश नागरिक थे। ब्रिटिश नागरिक और भारतीय मूल के 40 वर्षीय विश्वास कुमार रमेश ही इस हादसे में जीवित बचने वाले एकमात्र यात्री हैं। वह अभी इलाज करवा रहे हैं।