बेंगलुरु में एक बुजुर्ग दंपति ने वृद्धाश्रम में आत्महत्या कर ली। पारिवारिक कलह के चलते बेटे ने उन्हें वृद्धाश्रम भेजा था, जिससे वे दुखी थे।
बेंगलुरु: तलगट्टपुरा पुलिस थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक बुजुर्ग जोड़े ने अपने बेटे द्वारा वृद्धाश्रम भेजे जाने से दुखी होकर आत्महत्या कर ली। मृतकों की पहचान जे.पी. नगर 8वें चरण के रहने वाले कृष्णमूर्ति (81) और राधा (74) के रूप में हुई है। दो दिन पहले अंजना नगर के कमलम्मा रामकृष्णप्पा वृद्धाश्रम में दोनों ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। अगले दिन जब आश्रम के कर्मचारी उनके कमरे में गए तो घटना का पता चला।
एक निजी कंपनी में कार्यरत कृष्णमूर्ति सेवानिवृत्ति के बाद अपनी पत्नी और बेटे के परिवार के साथ जे.पी. नगर के 8वें चरण में रहते थे। उनका बेटा विजय भी एक निजी कंपनी में काम करता है। पारिवारिक कलह के चलते चार महीने पहले विजय ने अपने माता-पिता को कमलम्मा वृद्धाश्रम में भर्ती करा दिया था। घर में खाना बनाने जैसे छोटे-मोटे मामलों को लेकर सास-बहू में झगड़ा होता रहता था। इससे तंग आकर कृष्णमूर्ति अपने बेटे के परिवार से अलग रहना चाहते थे। उन्होंने अपने बेटे से अलग घर की मांग भी की थी, लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई।
इसी पारिवारिक कलह के चलते तीन साल पहले भी विजय ने अपने माता-पिता को बटरायणपुरा के एक वृद्धाश्रम में भर्ती कराया था। कुछ महीनों बाद वह उन्हें वापस घर ले आया था। फिर भी परिवार में शांति नहीं रही और घर में कलह फिर से शुरू हो गया। पिछले मार्च में, विजय ने फिर से अपने माता-पिता को अंजनापुरा के कमलम्मा वृद्धाश्रम भेज दिया। इसी पारिवारिक कलह से दुखी होकर सोमवार रात को उन्होंने वृद्धाश्रम के अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूत्रों के मुताबिक, अगले दिन सुबह जब आश्रम के कर्मचारी उनके कमरे में गए तो घटना का पता चला।
टीवी देखने को लेकर होता था झगड़ा: वृद्धाश्रम कर्मचारियों का बयान
वृद्धाश्रम के अधिकारियों ने कहा है कि कृष्णमूर्ति दंपत्ति ने पारिवारिक कलह के चलते आत्महत्या नहीं की है। उनका कहना है कि कृष्णमूर्ति और उनकी पत्नी राधा रोज़ टीवी देखने को लेकर झगड़ते थे। पुलिस को दिए बयान में वृद्धाश्रम के कर्मचारियों ने बताया है कि इसी झगड़े में उन्होंने आत्महत्या की होगी।-रिटायरमेंट के बाद कृष्णमूर्ति अपनी पत्नी के साथ बेटे के परिवार के साथ रहते थे-घर में खाना बनाने जैसे छोटे-मोटे मुद्दों पर सास-बहू में झगड़ा होता था-इससे तंग आकर बेटे ने 3 साल पहले उन्हें वृद्धाश्रम में भर्ती कराया था-4 महीने पहले माता-पिता को घर वापस लाने पर भी नहीं बनी बात-फिर से वृद्धाश्रम भेज दिया गया, जिससे दुखी होकर दंपत्ति ने फांसी लगा ली