सार

 आंध्र प्रदेश में नौका दुर्घटना में लापता हुए 29 लोगों की तलाश का काम भारी बारिश और गोदावरी नदी में बाढ़ की वजह से चुनौतीपूर्ण बन गया। सोमवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गयी और नौका नदी में 300 फुट की गहरायी में बरामद हुआ।

अमरावती. आंध्र प्रदेश में नौका दुर्घटना में लापता हुए 29 लोगों की तलाश का काम भारी बारिश और गोदावरी नदी में बाढ़ की वजह से चुनौतीपूर्ण बन गया। हालांकि सोमवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गयी और नौका नदी में 300 फुट की गहरायी में बरामद हुआ। एक दिन पहले पापीकोंडला पर्यटन स्थल की ओर जा रही यह नौका पलट गयी थी। सोमवार सुबह चार और शव मिलने के बाद अधिकारियों ने मरने वालों की संख्या 12 बतायी है जिसमें एक शिशु भी शामिल है।

अभी भी लापता हैं 29 लोग 
पुष्ट आंकड़ों की घोषणा करते हुए आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नौका में 68 लोग सवार थे जिसमें चालक दल के नौ सदस्य थे। हादसे में कम से कम 27 लोगों की जान बचा ली गयी जबकि शेष 29 लोगों की तलाश जारी है। रविवार को रॉयल वशिष्ठ नामक नौका के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद आठ शव बरामद किये गये थे। ऐसा प्रतीत होता है कि नौका किसी बड़ी चट्टान से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गयी। घटना यहां से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर पूर्वी गोदावरी जिले में कछुलूर में हुई। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण किया। तलाश अभियान में जुटे कई हेलीकॉप्टर नौका नदी में 300 फुट की गहरायी में बरामद हुई है, हालांकि अधिकारी अब भी कछुलूर में घटनास्थल पर भारी क्रेनों और अन्य उपकरणों को लाने की कोशिश कर रहे हैं। नौसेना के विशेषज्ञ गोताखोर और उत्तराखंड के विशेष गोताखोर सिर्फ 150 फुट तक जाने में सक्षम हैं। भारतीय नौसेना के एक यूएच 3एच हेलीकॉप्टर ने सुबह तलाश अभियान में हिस्सा लिया इसके बाद चेतक ने भी अभियान में हिस्सा लिया। तलाश अभियान में ओएनजीसी के एक हेलीकॉप्टर को भी सेवा में लगाया गया।

प्रतिबंध के बावजूद गए थे पर्यटक  
आठ नौकाओं में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और आंध्र प्रदेश आपदा प्रतिक्रिया एवं दमकल सेवा के कर्मियों ने इलाके में छानबीन की। रॉय वशिष्ठ नौका के मालिक के. वेंकट रमण के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (ए) (लापरवाही से मौत) का आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शुरुआती जांच में यह पता चला कि भीषण बाढ़ के चलते नदी में नौका चलाने पर प्रतिबंध के बावजूद इस नौका का परिचालन हुआ।

नौका चालक की मनमानी से कगई जान
चार अगस्त को सरकार ने नदी में यात्री नौकाओं के परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया था। बताया जाता है कि देवीपट्टनम पुलिस ने नौका संचालक को सेवा शुरू करने को लेकर चेतावनी भी दी थी लेकिन नौका संचालक ने इसका पालन नहीं किया और दावा किया कि उसके पास जरूरी लाइसेंस है। हवाई सर्वेक्षण कर जायजा लेने के अलावा जगन मोहन रेड्डी ने राजामहेंद्रवरम के सरकारी अस्पताल में इलाज करा रहे घायलों से भी मुलाकात की और घटना के बारे जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने ली जिम्मेदारी 
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की खिंचाई की और कहा कि इस त्रासदी के लिये हमलोग जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, कई लोगों ने अपनी जान गंवाई। इसके लिये कौन जिम्मेदार है? यह सिर्फ हमारी लापरवाही की वजह से हुआ है। हादसे में बचे लोगों की दास्तां सुनकर वह बहुत दुखी हैं।

मृतकों के परिवारजनों को 10-10 लाख का मुआवजा 
रविवार को मुख्यमंत्री ने मृतकों के आश्रितों के लिये 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की थी। इसके अलावा उन्होंने घायलों के लिये 3-3 लाख रुपये तथा हादसे में बाल-बाल बचे लोगों के लिये 1-1 लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इस मुआवजे की घोषणा इसलिए कर रहा हूं क्योंकि इस हादसे के लिये हमलोग जिम्मेदार हैं।
(यह खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा की है। एशियानेट हिंदी की टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)