Trump Munir Meeting: शशि थरूर ने ट्रंप और पाक सेना प्रमुख मुनीर की लंच मीटिंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि अमेरिका को ओसामा बिन लादेन का पाकिस्तानी कनेक्शन नहीं भूलना चाहिए। भारत ने फहलगाम हमले के पीछे पाक की भूमिका का भी खुलासा किया।

Trump Munir Lunch Controversy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर (Asim Munir) की हालिया लंच मीटिंग को लेकर भारत में भारी असंतोष है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने तीखी टिप्पणी करते हुए अमेरिका को ओसामा बिन लादेन (Osama bin Laden) की याद दिलाई। अमेरिका के जानी दुश्मन लादेन को पाकिस्तान ने ही अपने आर्मी कैंप के पास छुपाकर रखा था।

अमेरिका इतनी जल्दी नहीं भूल सकता ओसामा प्रकरण

थरूर ने कहा कि कुछ अमेरिकी सांसदों ने भले ही पाक डेलीगेशन से मुलाकात की हो लेकिन अमेरिकी जनता ओसामा को इतनी जल्दी नहीं भूल सकती। जिस देश ने 9/11 का मास्टरमाइंड छुपाया, उस पर इतनी जल्दी भरोसा करना खतरनाक है। थरूर ने साफ इशारा किया कि पाकिस्तान एक दोहरे चेहरे वाला देश है जो आतंकवाद को पनाह देता है और भारत पर हमलों की साजिश रचता है।

जनरल मुनीर के विवादित बयान और पहलगाम हमला

थरूर ने ट्रंप से उम्मीद जताई कि उन्होंने मुनीर से स्पष्ट शब्दों में कहा होगा कि भारत में आतंकियों को भेजना, फंड करना और ट्रेनिंग देना अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनरल मुनीर ने हालिया बयान में कहा था कि कश्मीर हमारी शिरा है और पाकिस्तानी संस्कृति भारतीयों से श्रेष्ठ है। इस बयान के बाद भारत में काफी आक्रोश भड़का था।

भारत का आरोप: पहलगाम से लेकर लंदन-मॉस्को तक पाक का हाथ

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक डच चैनल को बताया कि पहलगाम हमले में 26 लोगों की हत्या मनीर की कट्टरपंथी सोच से प्रेरित थी। भारत सरकार ने दावा किया है कि उसके पास पर्याप्त सबूत हैं कि यह हमला पाक की गुप्त एजेंसियों द्वारा अंजाम दिया गया। खुफिया सूत्रों का कहना है कि लंदन और मॉस्को में भी हालिया हमलों में पाक समर्थित आतंकी समूह शामिल हो सकते हैं।

मोदी-ट्रंप फोन कॉल के अगले दिन ही मुनीर का व्हाइट हाउस दौरा

डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच G7 समिट के दौरान फोन पर बातचीत हुई थी जिसमें दावा किया गया है कि पीएम मोदी ने कहा था कि भारत कभी भी कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं चाहता। लेकिन इसके बावजूद ट्रंप ने फिर दावा किया कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को खत्म कराया जबकि भारत का कहना है कि वह पाकिस्तान था जिसने सीजफायर की मांग की थी। उधर, ट्रंप की लंच डिप्लोमेसी के बाद पाक सेनाध्यक्ष ने भी दावा किया कि अमेरिका ने सीजफायर में मध्यस्थता की थी।

भारत का संदेश साफ: भरोसा नहीं कर सकते पाकिस्तान पर

मोदी सरकार ने साफ कहा कि विश्व को बार-बार चेताया गया है कि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करता है। ओसामा बिन लादेन से लेकर आज तक उसके रिकॉर्ड साफ हैं।