सोमवार की देर शाम को राज्यभा में दिल्ली सेवा बिल को पास कर लिया गया। बिल अब दोनों सदनों में पास हो चुकी है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा।
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मानसून सत्र: राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल पास, शाह बोले-सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कोई उल्लंघन नहीं
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नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र का आज अहम दिन रहा। लोकसभा चुनाव 2024 में NDA का सामना करने के लिए विपक्षी दलों द्वारा बनाए गए मोर्चे I.N.D.I.A के बीच राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल को लेकर जोरदार बहस हुई। दरसअल, सरकार ने राज्यसभा में विवादास्पद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक पेश किया था। इसे लोकसभा से पहले ही पास कर दिया गया था। बहस के बाद इस बिल को सरकार ने राज्यसभा में भी पास करा लिया। बिल पास होने के बाद उस अध्यादेश का स्थान लेगा जिसे केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग और विजिलेंस के अधिकार को लेकर लाया गया था। राष्ट्रपति के सिग्नेचर के बाद अब यह कानून बन जाएगा।
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राज्यसभा में भी दिल्ली सेवा विधेयक पास
दिल्ली सेवा विधेयक किसी भी तरह से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन नहीं करता: अमित शाह
दिल्ली सेवा बिल पर राज्यसभा में बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया कि दिल्ली सेवा विधेयक किसी भी तरह से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन नहीं करता है। इस विधेयक का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में प्रभावी, भ्रष्टाचार मुक्त शासन करना है। गृह मंत्री ने कहा कि यह विधेयक सबसे पहले कांग्रेस द्वारा लाया गया था जब वह सत्ता में थी। उन्होंने कहा कि मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि विधेयक का कोई भी प्रावधान कांग्रेस शासन में जो था, उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
राघव चड्ढा बोले-संवैधानिक ढांचे की अवहेलना
राज्यसभा में पेश हुए दिल्ली सेवा बिल के खिलाफ आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि यह संवैधानिक ढांचे की अवहेलना है। बीजेपी 25 साल से कोई चुनाव नहीं जीत सकी इसलिए यह कर रही है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी बाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देना चाहते थे लेकिन वर्तमान सरकार उस सोच के खिलाफ है। ऐसी कौन सी क्राइसिस है कि आप सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं।
दिल्ली सेवा बिल राज्यसभा में पेश
केंद्र सरकार ने दिल्ली सेवा बिल को राज्यसभा में पेश कर दिया है। इस बिल पर चर्चा हो रही है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी इस मुद्दे पर अपनी बात रख रहे हैं। उन्होंने इसे संघीय ढांचे के खिलाफ बताया है।
लोकसभा पहुंचे राहुल गांधी
संसद सदस्यता बहाल होने के बाद पहली बार राहुल गांधी सोमवार दोपहर 12 बजे लोकसभा पहुंचे। विपक्षी दलों के नेताओं ने उनका स्वागत किया। उन्होंने संसद भवन में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। दूसरी ओर विपक्ष द्वारा किए जा रहे हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में किया हंगामा
मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि मणिपुर जल रहा है। वहीं, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष भाग रहा है। राजस्थान मुद्दे पर भी चर्चा होनी चाहिए।
लोकसभा में कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित
सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई। लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने नारेबाजी की। इसपर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कहा कि आपलोग चर्चा नहीं कराना चाहते हैं। सदन चर्चा के लिए है, नारेबाजी के लिए नहीं। इसके बाद उन्होंने दोपहर 12 बजे तक के लिए लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
प्रमोद तिवारी को उम्मीद आज हो जाएगी राहुल गांधी की सदस्यता बहाल
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने उम्मीद जताई है कि आज राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है। मुझे उम्मीद है कि नियमों के मुताबिक लोकसभा स्पीकर आज राहुल गांधी की सदस्यता बहाल कर देंगे।
राज्यसभा में बहुमत के लिए चाहिए 119 सदस्य
राज्यसभा की वर्तमान सदस्य संख्या 237 है। इस तरह बहुमत का आंकड़ा 119 है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों के सांसदों की संख्या 105 है। उन्हें बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस का समर्थन मिलेगा। प्रत्येक के पास 9 सांसद हैं। सत्तारूढ़ दल को पांच नामांकित और दो निर्दलीय सांसदों के समर्थन का भी भरोसा है। इससे उसकी संख्या 130 हो जाएगी। विपक्षी गठबंधन इंडिया के पास 104 सांसद हैं।
विपक्षी दलों की होगी परीक्षा
दिल्ली सेवा बिल के माध्यम से विपक्षी दलों की एकता की परीक्षा होने वाली है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसके खिलाफ अभियान चलाया था और विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की थी। राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है। राज्यसभा में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन और विपक्षी गठबंधन INDIA के सदस्यों की संख्या लगभग एक जैसी है। बीजू जनता दल (बीजेडी) और वाईएसआर कांग्रेस ने इस बिल को लेकर सरकार का समर्थन करने का फैसला किया है। इससे पलड़ा सरकार के पक्ष में झुक गया है।
आप और कांग्रेस ने जारी किया व्हिप
दिल्ली सेवा बिल को लेकर आप और कांग्रेस ने राज्यसभा में अपने सदस्यों के लिए व्हिप जारी किया है। आप ने अपने व्हिप में लिखा, "राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सभी सदस्यों से अनुरोध है कि वे 7 अगस्त से 8 अगस्त 2023 तक उपस्थित रहें और पार्टी के रुख का समर्थन करें। इसे सबसे महत्वपूर्ण माना जा सकता है।" कांग्रेस इस बिल के विरोध में आप का साथ दे रही है। पार्टी ने अपने सांसदों के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है।