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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे: 120 की स्पीड से दौड़ेंगी गाड़ियां, जानें क्या है भारत के सबसे लंबे Express Way की खासियत
12 फरवरी को पीएम मोदी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस के पहले फेज का उद्घाटन किया। पहले फेज में 246 KM लंबे इस एक्सप्रेस वे को दिल्ली से दौसा-लालसोट खंड तक 12,150 करोड़ की लागत से बनाया गया है। जानते हैं क्या है भारत के सबसे लंबे एक्सप्रेस वे की खासियत।
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भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे :
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 1,386 KM है। यह भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस होगा। इसके तैयार होने के बाद दिल्ली से मुंबई की दूरी करीब 182 किलोमीटर कम हो जाएगी। अभी दिल्ली से मुंबई की दूरी 1,424 किमी है, जो एक्सप्रेस वे बनने के बाद घटकर 1,242 किमी रह जाएगी।
24 घंटे की जगह लगेंगे सिर्फ 12 घंटे :
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे बनने के बाद सफर का समय भी कम हो जाएगा। जिस दूरी को तय करने में अभी करीब 24 घंटे लगते हैं, उसे महज 12 घंटों में पूरा किया जा सकेगी। दिल्ली से मुंबई तक इस एक्सप्रेस वे की कुल लागत करीब 98 हजार करोड़ रुपए आएगी।
6 राज्यों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस वे :
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे 6 राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेस के रास्ते में कई बड़े शहर जैसे कोटा, इंदौर, जयपुर, वडोदरा और सूरत पड़ेंगे। यह एक्सप्रेस वे 13 बंदरगाहों, 8 प्रमुख हवाई अड्डों के साथ ही जेवर एयरपोर्ट, नवी मुंबई एयरपोर्ट जैसे नए हवाईअड्डों को भी सर्विस देगा।
120 KM प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी गाड़ियां :
नए एक्सप्रेस वे पर वाहनों की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक रहेगी। वहीं भारी वाहन 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से फर्राटा भर सकेंगे। एक्सप्रेस वे में किसी भी तरह की दुर्घटना को रोकने के लिए दोनों ओर इस तरह की फेंसिंग की जाएगी कि जानवर सड़क पर न आ सकें।
हर 100 KM पर ट्रामा सेंटर, हैलीपेड :
एक्सप्रेस वे पर नागरिकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए हर 100 किलोमीटर में ट्रॉमा सेंटर और हैलीपेड बनाए गए हैं। इसके अलावा खाने-पीने की सुविधा के लिए फूड प्लाजा भी होंगे। इसके अलावा हर आधा KM मीटर की दूरी पर CCTV कैमरे लगाए गए हैं, जो सौर ऊर्जा से चलेंगे।
मेडिकल इमरजेंसी और ट्रैफिक जाम से निपटने में करेंगे मदद :
ये सीसीटीवी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) से भी लिंक होंगे। इसका फायदा ये होगा कि किसी भी मेडिकल इमरजेंसी या ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए इसकी मदद ली जा सकेगी। यह सिस्टम ग्रीन एनर्जी से ऑपरेट होगा।
एक्सप्रेस वे पर बनेंगे हाईटेक टोलगेट :
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर हाईटेक टोल गेट बनाए जाएंगे। इन टोलगेट पर ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम यानी GPS सैटलाइट नेवीगेशन से चलने वाली चिप लगाई जाएगी, जो हर एक गाड़ी के एंट्री प्वाइंट को नोट करेगी और उसी के हिसाब से दूरी के आधार पर टोल टैक्स काटा जाएगा। ये टोल सिस्टम धीरे-धीरे देश के सभी हाईवे पर लगाया जाएगा।
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