दिल्ली। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर (Yamuna river water level) गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे 208.48 मीटर के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया। दिल्ली के निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। बाढ़ के चलते हजारों लोगों को घर खाली करना पड़ा है। केंद्रीय जल आयोग ने इसे "चरम स्थिति" कहा है। गुरुवार सुबह लगभग 8-10 बजे यमुना में पानी का प्रवाह चरम पर होने की उम्मीद है।

गुरुवार सुबह यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर था। सुबह सात बजे यमुना का जलस्तर 208.46 मीटर तक पहुंच गया। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में पानी छोड़ना जारी है। इसके चलते मोनेस्ट्री मार्केट, यमुना बाजार, गढ़ी मांडू, गीता घाट, विश्वकर्मा कॉलोनी, खड्डा कॉलोनी, पुराने रेलवे ब्रिज के पास नीली छत्री मंदिर के आसपास के इलाके, नीम करोली गौशाला और वजीराबाद से मजनू का टीला तक रिंग रोड का एक हिस्सा बाढ़ में डूब गया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को ट्वीट कर बताया कि यमुना के आस पास की सड़कों पर पानी आ गया है। उन्होंने लोगों से आपातकाल स्थिति में एक-दूसरे का मदद करने की अपील की।

 

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बाढ़ के चलते गीता कॉलनी श्मशान बंद

बाढ़ का पानी भरने के चलते गीता कॉलनी के श्मशान को बंद कर दिया गया है। यहां अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं बची है। हर जगह पानी भर गया है। दिल्ली नगर निगम ने लोगों से अंतिम संस्कार के लिए कड़कड़डूमा और गाजीपुर श्मशान घाट जाने के लिए कहा है।

बुधवार को यमुना के जलस्तर का टूटा था 45 साल का रिकॉर्ड

बुधवार को दिल्ली में यमुना का जलस्तर 208.08 मीटर पहुंच गया था। इसने 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। इससे पहले यमुना का पानी 207.49 मीटर तक पहुंचा था। यमुना पर दो प्रमुख बैराज हैं उत्तराखंड में डाकपत्थर और दिल्ली के ऊपर हरियाणा में हथिनीकुंड। नदी पर कोई बांध नहीं हैं। बैराज पर पानी रोकने की व्यवस्था नहीं होती। गुरुवार दोपहर 2 बजे से हथिनीकुंड बैराज से पानी का प्रवाह कम होने की उम्मीद है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अगले दो दिनों में उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की भविष्यवाणी की है। भारी बारिश हुई तो बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा।

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दिल्ली में 16,500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को बाढ़ को लेकर इमरजेंसी मीटिंग की। इसके बाद उन्होंने खतरे वाली जगहों पर रह रहे लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने का आग्रह किया। दिल्ली के निचले इलाकों में रहने वाले 16,500 से अधिक लोगों को अधिक ऊंचाई पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। निचले इलाकों में तटबंध बनाए जा रहे हैं ताकि दिल्ली के अन्य हिस्सों में बाढ़ के पानी को जाने से रोका जा सके।

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