सार
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन तथा मस्जिद के लिए जमीन देने की पेशकश की एक सप्ताह के भीतर घोषणा किए जाने की संभावना है। जिसकी जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार को दी।
नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन तथा मस्जिद के लिए जमीन देने की पेशकश की एक सप्ताह के भीतर घोषणा किए जाने की संभावना है। जिसकी जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार को दी। बतादें कि उच्चतम न्यायालय ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुद्दे का निपटारा करते हुए अपने ऐतिहासिक फैसले में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था और इसके लिए ट्रस्ट के गठन तथा मस्जिद के लिए जमीन देने का निर्णय दिया था।
जल्द होगी ट्रस्ट की घोषणा
मंत्रालय ने राम मंदिर निर्माण के वास्ते ट्रस्ट बनाने के लिए एक आधारभूत ढांचा तैयार किया है और उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाने वाली जमीन की भी पहचान की है। समूचा प्रस्ताव मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा।
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा कि संभवत: एक सप्ताह के भीतर। केंद्रीय मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिलने के बाद ट्रस्ट निर्माण की घोषणा और मस्जिद के लिए पांच एकड़ का प्लॉट देने की पेशकश की जा सकती है। आपको बतादें कि उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड को तीन प्लॉट की पेशकश की जाएगी जिसमें से कोई एक उपयुक्त प्लॉट उन्हें चुनना होगा।
आदालत का ऐतिहासिक फैसला
सालों से चले आ रहे अयोध्या विवाद पर शीर्ष अदालत ने नौ नवंबर 2019 के अपने निर्णय में अयोध्या में ट्रस्ट के माध्यम से संबंधित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था और केंद्र को निर्देश दिया था कि वह सुन्नी वक्फ बोर्ड को नयी मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में पांच एकड़ का प्लॉट दे। इसके साथ ही आदालत ने ट्रस्ट के गठन के लिए सरकार को तीन महीने का वक्त दिया था।
गृहमंत्रालय में ट्रस्ट के लिए डेस्क बनाकर किया जा रहा है काम
ट्रस्ट के लिए सभी चीजें केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखने से पहले अयोध्या से जुड़े सभी मामलों और संबंधित अदालती आदेशों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय में एक समर्पित डेस्क पर काम किया जा रहा है। ताकि अंतिम निर्णय किया जा सके। इसके लिए अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में तीन अधिकारी डेस्क संबंधी कार्य कर रहे हैं।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
( प्रतिकात्मक फोटो )