कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ईरान-इसराइल तनाव पर भारत की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि भारत का चुप रहना उसे कमज़ोर बनाता है। उन्होंने इस बात पर भी हैरानी जताई कि भारत पश्चिम एशिया के मामलों में अपनी हमेशा की भूमिका क्यों नहीं निभा रहा है।
नई दिल्ली: ईरान-इसराइल तनाव और ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के हमले पर भारत की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि भारत का "चुप" रहना उसे "कमज़ोर" बनाएगा। पवन खेड़ा ने आगे कहा कि यह बहुत "हैरानी" की बात है कि भारत पश्चिम एशिया की उथल-पुथल में अपनी वो भूमिका नहीं निभा रहा है जो वो हमेशा से निभाता आया है। कांग्रेस नेता ने ज़ोर देकर कहा कि गाज़ा में बेगुनाह नागरिकों को मारने के बाद इसराइल लगातार अलग-अलग देशों पर बमबारी कर रहा है, लेकिन कोई नहीं समझता कि भारत इस मुद्दे पर चुप क्यों है।
पवन खेड़ा ने एएनआई को बताया, "हैरानी की बात यह है कि भारत पश्चिम एशिया में अपनी वो भूमिका नहीं निभा रहा है जो वो हमेशा से निभाता आया है। कोई नहीं समझता कि भारत चुप क्यों है। गाज़ा में इतने बेगुनाह नागरिक मारे गए, उसके बाद इसराइल लगातार अलग-अलग देशों पर बमबारी कर रहा है, भारत चुप रहा। अमेरिका ने ईरान पर अपनी पूरी वायुसेना दिखा दी, भारत चुप रहा। भारत का चुप रहना उसे कमज़ोर बनाता है।"
इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत ने हमेशा पश्चिम एशिया में "शांति स्थापना और रचनात्मक भूमिका" निभाई है। पवन खेड़ा ने पूछा कि भारत पश्चिम एशिया में अपनी "नैतिक ज़िम्मेदारी" से क्यों भाग रहा है, जिसके कारण लोग भारत से भी जवाब मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत को अपने "पारंपरिक" दोस्तों के साथ खड़ा होना चाहिए था और सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि वह सही लोगों से, सही समय पर और सही लहजे में बात करे।
पवन खेड़ा ने कहा, “पश्चिम एशिया में भारत की हमेशा से शांति स्थापना और रचनात्मक भूमिका रही है। भारत इस क्षेत्र में अपने नैतिक अधिकार से क्यों भाग रहा है? लोग जवाब ढूंढ रहे हैं... भारत को अपने नैतिक अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए था, अपने पारंपरिक दोस्तों और सहयोगियों के साथ खड़ा होना चाहिए था, और यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि सरकार सही लोगों से, सही समय पर और सही लहजे में बात करे।” इससे पहले, सीपीआई महासचिव डी राजा ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने "दोस्त", अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ईरान पर बमबारी रोकने के लिए कहना चाहिए, क्योंकि यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है।
डी राजा ने एएनआई को बताया, "भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, सभी वामपंथी दल और भारत में शांतिप्रिय लोग अमेरिका द्वारा ईरान पर बमबारी की निंदा करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका द्वारा ईरान पर बमबारी की निंदा करते हुए एक शब्द भी नहीं कहा है। उन्हें अपने दोस्त डोनाल्ड ट्रंप को फोन करना चाहिए और उन्हें ईरान पर बमबारी रोकने के लिए कहना चाहिए, क्योंकि यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है। प्रधानमंत्री को भारत के नैतिक अधिकार का प्रदर्शन करना चाहिए कि देश ईरान पर अमेरिका-इसराइल के लगातार युद्ध का विरोध करता है। प्रधानमंत्री मोदी इसकी निंदा क्यों नहीं कर रहे हैं?" (एएनआई)