सार
Zakia Jafri died: गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार में अपने पति और पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी को खोने के बाद गुजरात दंगों में न्याय की लड़ाई लड़ने वाली ज़किया जाफरी का शनिवार को अहमदाबाद में 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी जंग लड़ी। ज़किया जाफरी ने गुजरात दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए अपने जीवन के दो दशक लगा दिए।
ज़किया जाफरी का कैसे हुआ निधन?
ज़किया जाफरी के बेटे तनवीर जाफरी ने बताया कि उनकी मां अपनी बेटी के घर अहमदाबाद आई हुई थीं। सुबह की दिनचर्या पूरी करने के बाद वह परिवार के साथ बातचीत कर रही थीं। अचानक उन्होंने असहज महसूस करने की शिकायत की। तुरंत डॉक्टर को बुलाया गया लेकिन करीब 11:30 बजे डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
कौन थीं ज़किया जाफरी?
28 फरवरी 2002 को गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार में उनके पति कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद एहसान जाफरी समेत 69 लोगों की हत्या कर दी गई थी। यह गुजरात दंगों के दौरान हुई सबसे भयावह घटनाओं में से एक थी। इससे एक दिन पहले गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के कोच जलाए गए थे जिसमें 59 कारसेवकों की मौत हुई थी। इस घटना के बाद पूरे गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। ज़किया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट तक इंसाफ की लड़ाई लड़ी। तत्कालीन राज्य सरकार के शीर्ष नेताओं पर गुजरात दंगों के पीछे साजिश रचने का आरोप लगाया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में उनकी याचिका खारिज कर दी और गुजरात सरकार को क्लीन चिट दी।
तीस्ता सीतलवाड़ का भावुक संदेश
ज़किया जाफरी के निधन पर सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, जो उनकी कानूनी लड़ाई में सह-याचिकाकर्ता थीं, ने X (ट्विटर) पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा: ज़किया आपा, मानवाधिकार समुदाय की एक सहानुभूति से भरी नेता, हमें छोड़कर चली गईं! उनका दूरदर्शी नेतृत्व देश, परिवार, दोस्तों और दुनिया को हमेशा याद रहेगा! तनवीर भाई, निशरीन, दुरैया आपा और परिवार के सभी सदस्यों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं! ज़किया आपा, आप शांति और शक्ति के साथ रहें!
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