सार
Waqf Bill 2024: संसद में चल रहे बजट सत्र (Budget Session 2025) के दौरान गुरुवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त समिति की रिपोर्ट राज्यसभा में पेश किया गया। विपक्ष के भारी विरोध के बीच इसे स्वीकार कर लिया गया है। विपक्ष के हंगामे के चलते सभापति जगदीप धनखड़ को सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित करनी पड़ी।
वक्फ विधेयक 2024 वक्फ की संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन को व्यवस्थित करने के लिए लाया गया है। इसपर संसद की संयुक्त समिति की रिपोर्ट राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी द्वारा पेश की गई। विपक्षी सांसदों ने दावा किया कि उनकी असहमति को रिपोर्ट से हटा दिया गया है। इसको लेकर विपक्षी सांसदों ने जमकर नारेबाजी की।
हंगामा शांत नहीं हुआ तो जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। कार्यवाही फिर से शुरू होने पर धनखड़ ने राष्ट्रपति का संदेश पढ़ना शुरू किया तब भी हंगामा जारी रहा। रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। इसके बाद रिपोर्ट को स्वीकार्य कर लिया गया।
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मल्लिकार्जुन खड़गे बोले- वक्फ बिल पर फर्जी रिपोर्ट स्वीकार नहीं
विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्ष वक्फ बिल पर फर्जी रिपोर्ट स्वीकार्य नहीं करेगा। हमारे विचारों को दबाया गया है। रिपोर्ट को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को वापस भेजा जाए। इसे बाद भी सुधार के साथ दुबारा पेश किया जाए। खड़गे ने कहा, "जेपीसी रिपोर्ट में कई सदस्यों ने असहमति दी थी। उनकी बातों को हटाया गया है। हमारे विचारों को दबाना सही नहीं है। यह लोकतंत्र के खिलाफ है। हम ऐसी फर्जी रिपोर्ट कभी स्वीकार नहीं करेंगे।"
जेपी नड्डा बोले- कुछ लोग इंडियन स्टेट से लड़ने की कोशिश कर रहे
मल्लिकार्जुन खड़गे के दावों पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि असहमति के नोट रिपोर्ट के परिशिष्ट में जोड़े गए हैं। विपक्ष सदन को गुमराह कर रहा है। उन्होंने कहा, "रिपोर्ट से कुछ भी हटाया नहीं गया है। विपक्ष के सदस्य अनावश्यक मुद्दा बना रहे हैं।"
विपक्ष पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा "कुछ लोग इंडियन स्टेट से लड़ने की कोशिश कर रहे हैं।" बता दें कि 2024 में राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस न केवल भाजपा और आरएसएस से लड़ रही है, बल्कि "इंडियन स्टेट" से भी लड़ रही है।
वक्फ विधेयक क्या है?
वक्फ बोर्ड मुस्लिम समुदाय द्वारा धार्मिक उद्देश्यों के लिए दान की गई संपत्तियों की देखरेख करते हैं। नए वक्फ विधेयक से वक्फ बोर्डों के प्रशासन में बड़ा बदलाव लाया जाएगा। राज्य के वक्फ बोर्डों में कम से कम दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल किया जाएगा। किसी संपत्ति के वक्फ संपत्ति होने या न होने का फैसला सरकारी अधिकारी की मध्यस्थता में किया जाएगा।
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वक्फ बोर्ड को पहले संसद में पेश किया गया था। उसे अधिक विचार विमर्श के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था। जेपीसी में एनडीए के सदस्यों द्वारा प्रस्तावित 14 संशोधनों को मंजूरी दी गई। विपक्षी सांसदों द्वारा सुझाए गए बदलावों को खारिज किया गया। 30 जनवरी को जेपीसी की अंतिम रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी गई थी।