सार
BrahMos: इंडियन नेवी ने अपने युद्धपोतों से एंटी शिप मिसाइलों को फायर किया है। कहा है कि वह किसी भी जगह, किसी भी वक्त लड़ाई के लिए तैयार है। भारतीय नौसेना ने ब्रह्मोस मिसाइल भी फायर किए हैं।
पाकिस्तान के साथ लड़ाई की स्थिति में ब्रह्मोस मिसाइल बेहद खास रोल निभा सकते हैं। इंडियन नेवी ने अपने युद्धपोतों और पनडुब्बियों को ब्रह्मोस से लैस किया है। ब्रह्मोस का एंटी शिप वर्जन इतना ताकतवर है कि पाकिस्तानी नौसेना के लिए काल साबित हो सकता है। आइए जानते हैं ब्रह्मोस कितना खास है...
एक नजर में ब्रह्मोस
- भारत और रूस ने मिलकर बनाया है।
- जमीन, युद्धपोत, पनडुब्बी और लड़ाकू विमान से लॉन्च हो सकता है।
- 0.67 मीटर मोटा, 8.0-8.2 मीटर लंबा और 2,200-3,000kg वजनी है।
- 200-300 kg विस्फोटक ले जाता है।
- लिक्विड फ्यूल रैमजेट इंजन से ताकत मिलती है।
- सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। रफ्तार 3457 km/h है।
- रेंज 300-500 km है। निर्यात किए जाने वाले वर्जन का रेंज 290km है।
भारत और रूस ने मिलकर किया है ब्रह्मोस का विकास
ब्रह्मोस को भारत और रूस ने मिलकर विकसित किया है। इसका नाम ब्रह्मपुत्र और मॉस्को नदियों से लिया गया है। ब्रह्मोस की रफ्तार मैक 2.0-2.8 (2469-3457 km/h) है। यह इस बात से तय होता है कि मिसाइल कितनी ऊचाई पर उड़ रहा है।
ब्रह्मोस स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस है। बहुत अधिक रफ्तार और स्टील्थ फीचर के चलते इसे रोकना बेहद मुश्किल है। टारगेट पर सटीक निशाना लगाने के लिए ब्रह्मोस में INS (Inertial Navigation System) लगा है। अगर इसे किसी जहाज को निशाना बनाने के लिए लॉन्च किया जाए और वह अपनी दिशा बदले तब भी वह बच नहीं सकता। जमीन पर मौजूद टारगेट के लिए ब्रह्मोस में INS के साथ GPS भी दिया गया है। इसे एक्टिव या पैसिव रडार से टर्मिनल गाइडेंस मिलता है।
300-500 km है BrahMos का रेंज
BrahMos का रेंज 300-500 km है। यह मिसाइल के वैरिएंट और लॉन्च प्लेटफॉर्म पर निर्भर करता है। मिसाइल को ठोस प्रोपल्शन बूस्ट मोटर और लिक्विड फ्यूल से चलने वाले रैमजेट सस्टेनर मोटर से ताकत मिलती है।
युद्धपोत और जमीन से लॉन्च किए जाने वाले ब्रह्मोस की लंबाई 8.2 मीटर और मोटाई 0.67 मीटर है। यह 300kg विस्फोटक ले जाता है। मिसाइल का वजन 3000kg है। लड़ाकू विमान से लॉन्च किए जाने वाले ब्रह्मोस की लंबाई 8.0 मीटर और मोटाई 0.67 मीटर है। यह 200 kg विस्फोटक ले जाता है। वजन 2,200 से 2,500 kg होता है।
ब्रह्मोस का हाइपरसोनिक वैरिएंट हो रहा तैयार
ब्रह्मोस के हाइपरसोनिक वैरिएंट पर भी काम चल रहा है। इसे ब्रह्मोस-II नाम दिया गया है। इसमें रैमजेट की जगह स्क्रैमजेट इंजन लगेगा। मिसाइल एक विशेष नए ईंधन का इस्तेमाल करेगा। इसकी रफ्तार मैक 5 (6174 km/h) तक पहुंच जाएगी।