सार

भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने राष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन नीति (National Religious Tourism Policy) की मांग की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ 2025 ने धार्मिक पर्यटन की 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक संभावनाएं उजागर की हैं।

 

National Religious Tourism Policy:चांदनी चौक से भाजपा सांसद और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने राष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन नीति (National Religious Tourism Policy) बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ (Mahakumbh 2025) ने धार्मिक पर्यटन की जबरदस्त आर्थिक संभावनाओं को उजागर किया है। महाकुंभ में अनुमानित 600 मिलियन श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है, जिससे 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार उत्पन्न होने की उम्मीद है।

सांसद ने बताया कि धार्मिक पर्यटन से क्या होगा लाभ? 

खंडेलवाल ने कहा कि महाकुंभ 2025 की भारी सफलता इस बात को दर्शाती है कि धार्मिक पर्यटन को व्यवस्थित रूप से विकसित करने के लिए एक ठोस राष्ट्रीय नीति आवश्यक है। भारत अपनी धार्मिक और आध्यात्मिक विरासत के कारण हर साल लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है, लेकिन व्यापक नीति के अभाव में बुनियादी ढांचे, सुरक्षा, स्वच्छता और प्रबंधन जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

राष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन नीति में इन मुद्दों पर किया जाए गौर

सांसद खंडेलवाल ने धार्मिक पर्यटन नीति के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को भी सुझाया है ताकि यह स्थानीय स्तर पर सफल हो सके।

  1. आधुनिकीकरण और संरक्षण - ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के उचित रखरखाव, संरक्षण और आधुनिकीकरण को प्राथमिकता दी जाए।
  2. बुनियादी ढांचे और सुविधाओं का विकास - धार्मिक स्थलों पर परिवहन, आवास, स्वच्छता और सुरक्षा को बेहतर बनाया जाए।
  3. स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा - धार्मिक पर्यटन से स्थानीय व्यवसाय, हस्तशिल्प और पारंपरिक उद्योगों को प्रोत्साहन मिले।
  4. पर्यावरण अनुकूल और सतत पर्यटन - धार्मिक स्थलों पर कचरा प्रबंधन, प्रदूषण नियंत्रण और स्थिरता सुनिश्चित करने के उपाय किए जाएं।
  5. डिजिटल और स्मार्ट टूरिज्म - ऑनलाइन बुकिंग, वर्चुअल टूर और डिजिटल मैपिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
  6. सुरक्षा और आपदा प्रबंधन - प्रमुख धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा उपायों और आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत किया जाए।

भारत  बनेगा वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र

प्रवीण खंडेलवाल ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन नीति भारत को वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र (Global Spiritual Tourism Hub) के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी। साथ ही, यह नीति विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति देगी। खंडेलवाल ने पर्यटन मंत्रालय (Ministry of Tourism) से अनुरोध किया कि वह धार्मिक पर्यटन क्षेत्र को सुव्यवस्थित और समृद्ध बनाने के लिए सभी संबंधित पक्षों के साथ परामर्श कर जल्द से जल्द इस नीति को लागू करे।

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