नई दिल्ली। भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखकर अपनी नई टीम का ऐलान किया है। इसमें मुस्लिम नेताओं को भी जगह मिली है। उत्तर प्रदेश के तारिक मंसूर और केरल के अब्दुल्ला कुट्टी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। तारिक मंसूर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति हैं। भाजपा ने यह पहल मुस्लिम पसमांदा समुदायों के बीच अपनी पहुंच मजबूत करने के लिए की है।
जब देशभर में एनआरसी और सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था तब मंसूर ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को बीच के रास्ते पर चलाया था। इसके बाद वह आरएसएस के साथ एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। इसका मकसद मुगल राजकुमार दारा शिकोह की शिक्षाओं को बढ़ावा देना था। उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से हिंदू-मुस्लिम सह-अस्तित्व को आगे बढ़ाया था। यह उसके भाई मुगल बादशाह औरंगजेब के काम करने के तरीके से उल्टा था।
पसमांदा वोट बैंक को मजबूत कर रही बीजेपी
इस नियुक्ति की घोषणा उस दिन की गई है जब गृह मंत्री अमित शाह पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम पर एक किताब का विमोचन करने के लिए तमिलनाडु के रामेश्वरम में थे। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा मुस्लिम पसमांदा वोट बैंक को मजबूत करने पर काम कर रही है। पसमांदा मुसलमान दलित और अन्य पिछड़े समुदायों से हैं। मंसूर को उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य बनाया गया था। वे पिछले कुछ वर्षों में भाजपा द्वारा इस पद के लिए चुने गए चौथे मुस्लिम हैं।
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तारिक मंसूर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से हैं। उत्तर प्रदेश के मतदाताओं में करीब 19% मुस्लिम हैं। कम से कम 30 लोकसभा सीटों पर उनकी अच्छी खासी उपस्थिति है। 15 से 20 सीटों पर मुस्लिम रिजल्ट तय करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।