बेंगलुरू। टेक सिटी बेंगलुरू में हुई बारिश ने शहर की व्यवस्था को तबाह कर दी है। हर ओर पानी है। बाढ़ के पानी से तमाम घर डूब चुके हैं। एक बड़े स्टार्टअप के सीईओ का ट्रैक्टर-ट्रॉली पर परिवार समेत कहीं दूसरी जगह पलायन करते वीडियो वायरल होने के बाद बेंगलुरू शहर में करोड़ों रुपये की लग्जरी गाड़ियों के पानी में डूबने और तैरने की फोटोज-वीडियो अब वायरल हो रहा है। इस आईटी हब में 30 करोड़ से अधिक कीमत का बना एक घर, करीब दस करोड़ कीमत वाली बेंटले कार समेत मल्टीकरोड़ कीमत वाली कई लग्जरी कारें पानी में डूब चुकी हैं, जिनका वीडियो शेयर किया जा रहा है। 

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दरअसल, इस बारिश ने देश की सबसे लग्जरी आईटी सिटी की नगरीय व्यवस्था की पोल खोल दी है। बाढ़ ने इसकी हालत भारत के बाढ़ प्रभावित गांवों से बदतर कर दिया है। मल्टी मिलियनएयर या बिलियनएयर कंपनीज के सीईओ, बड़े-बडे़ अधिकारियों ने जो लग्जरी सुविधाएं अपने लिए जुटा रखी थीं, बाढ़ से सब शो-पीस बन चुके हैं। बाढ़ का पानी छोटे घरों से लेकर बड़े-बड़े आलीशान महलों को जलमग्न कर दिया है। अनअकेडमी के सीईओ का एक ट्रैक्टर-ट्राली पर कुछ जरुरी सामनों व पेट्स को लेकर परिवार के साथ पलायन इसी का नतीजा है।

आईटी हब में बारिश ने सारी सुविधाओं की खोली पोल

आईटी हब सिटी बेंगलुरू में पलायन लगातार जारी है। ट्रॉली-ट्रैक्टर, क्रेन आदि से लोग दूसरे जगहों पर जाने को मजबूर हो रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि मल्टीकरोड़ लग्जरी गाड़ी बेंटले, लेक्सस, बीएमडब्ल्यू सेडान, रेंज रोवर एसयूवी सहित तमाम करोड़ों रुपये कीमत वाली गाड़ियां जो सड़कों पर शान से फर्राटा भरती थीं, वह पानी में डूबी हुई पड़ी हुई हैं। कम कीमत वाली होंडा सिविक, वोक्सवैगन पोलो जैसी गाड़ियों का भी उसी हाल को प्राप्त है। घरों और अपार्टमेंट्स का भी यही हाल है। बेंगलुरू में अपार्टमेंट्स की कीमत सात से दस करोड़ रुपये है। 

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क्षति का आंकलन अभी नहीं, इंश्योरेंस क्लेम भी नहीं

हालांकि, बाढ़ या बारिश के पानी जैसी प्राकृतिक आपदा को इंश्योरेंस कंपनियां कवर नहीं करती हैं। अगर करती हैं तो उसके लिए अलग से काफी अधिक प्रीमियम भरना पड़ता है। ऐसे में बेंगलुरु की बाढ़ में करोड़ों कीमत की लग्जरी गाड़ियों को बनवाना एक घाटे का सौदा साबित होने जा रहा है। अंदेशा जताया जा रहा है कि बाढ़ का पानी जाते ही, इन गाड़ियों के मालिक अपनी गाड़ियों को कम कीमत या औनेपौने दाम पर बेचने को मजबूर होंगे। 

2015 में चेन्नई में भी हुआ था काफी नुकसान

चेन्नई में करीब सात साल पहले यानी 2015 में बाढ़ की वजह से हजारों कार व दोपहिया पानी में डूब गए थे। पानी जाने के बाद ये गाड़ियां एकदम से बेकार हो गई थीं। ऑडी और जगुआर सहित तमाम महंगी गाड़ियां औने पौने दामों में इनके मालिकों ने बेची थी। चेन्नई में हजारों कार और दोपहिया क्षतिग्रस्त हुआ था। बताया गया कि मालिकों ने अपनी लग्जरी गाड़ियों को इसलिए कम कीमत पर बेचे क्योंकि या तो वह बन नहीं सकती थीं या उसके मरम्मत में काफी लागत आती।

ट्रैक्टर-ट्रॉली पर पलायन को मजबूर करोड़पति-अरबपति

बेंगलुरू में हालात बद से बद्तर हो चुके हैं। लग्जरी लाइफ जीने वालों को बाढ़ प्रभावित गांवों में रहने वाले लोगों का जीवन जीने को मजबूर होना पड़ रहा है। जो लोग करोड़ों की आरामदायक गाड़ियों में सफर करते हैं उनको ट्रैक्ट्रर-ट्रॉली पर पलायन करना पड़ रहा। मंगलवार को एक ट्रैक्टर-ट्रॉली पर दिव्यश्री 77 ईस्ट हाउसिंग कॉम्प्लेक्स से पलायन कर रहे लोगों में निवेशक सुधीर सेठी और पत्नी शालिनी सेठी शामिल थे। इसी तरह एड-टेक प्लेटफॉर्म Unacademy के सीईओ गौरव मुंजाल भी ट्रैक्टर-ट्रॉली से पलायन करते देखे गए। गौरव अपने परिवार, पालतू कुत्ते के साथ एक ट्रैक्टर-ट्राली पर अपना सामान लेकर पलायन करते नजर आ रहे हैं।

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राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार को कोसा

उधर, बेंगलुरू में खराब हुए हालात पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने अपने पूर्ववर्ती सरकारों को कोसा है। उन्होंने कांग्रेस शासन पर इस हालात के लिए जिम्मेदार बताते हुए ठीकरा फोड़ा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि यहां बाढ़ न आए। बेंगलुरू के आसपास के सारे झील भर चुके हैं। शहर के सभी टैंक ओवरफ्लो कर रहे हैं। बारिश की वजह से तमाम नाले-नालियां का पता ही नहीं है। 

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