सार
अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन को अब सिर्फ 1 दिन शेष रह गया है। ऐसे में अब मंदिर में सोमवार से धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए हैं। राम मंदिर की नींव शेषनाग पर रखी जाएगी। ताकि मंदिर की दिव्यता और भव्यता चिरकाल तक बनी रहे।
अयोध्या. अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन को अब सिर्फ 1 दिन शेष रह गया है। ऐसे में अब मंदिर में सोमवार से धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए हैं। राम मंदिर की नींव शेषनाग पर रखी जाएगी। ताकि मंदिर की दिव्यता और भव्यता चिरकाल तक बनी रहे। इसके लिए विद्वानों का एक दल काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा को अर्पित चांदी का शेषनाग, कछुआ, रामनाम अंकित चांदी के 5 बेलपत्र, चंदन और पंचरत्न लेकर वाराणसी से अयोध्या के लिए रवाना हुआ। रामलला को चांदी का तांबूल भी अर्पित किया जाएगा।
अयोध्या में 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के शिलान्यास के लिए भूमि पूजन करेंगे। इस दौरान काशी विद्वत परिषद से जुड़े विद्वानों की उपस्थिति में वैदिक ब्राह्मण मंत्रोच्चार के साथ भूमि पूजन कराएंगे।
इसलिए शेषनाग पर रखी जाएगी नींव
काशी विद्वत परिषद के मंत्री प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि शास्त्रों के मुताबिक, कछुए की पीठ पर विराजमान शेषनाग पाताल लोक के स्वामी और भगवान शिव के अवतार हैं। इसलिए राममंदिर की नींव में बाबा विश्वनाथ को अर्पित भगवान शेषनाग रखे जाएंगे। मंदिर की नींव में उनके बने रहने से मंदिर की दिव्यता और भव्यता चिरकाल तक बनी रहेगी। उन्होंने बताया कि पंचरत्न भी नींव में रखा जाएगा। इतना ही नहीं काशी के चौरसिया समाज की ओर से राम लला को चांदी के 5 पान भी भेंट किए गए हैं।
अलग अलग तरीकों से होगी पूजा
अयोध्या में कल गणेश पूजन के साथ धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए। आज राम अर्चना का कार्यक्रम होगा। हनुमान गढ़ी में सुबह 8 बजे हनुमान पूजन और निशान का पूजन हुआ। भूमि पूजन और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए काशी, अयोध्या, दिल्ली, प्रयाग के विद्वानों को बुलाया गया है। सभी अलग अलग पूजाएं करा रहे हैं। इसके अलावा 21 ब्राह्मणों की टीम है, जो अलग अलग तरीकों से पूजा कराएगी। ये अलग अलग वक्त में होगी।