Anna University Sexual Assault Case में Chennai Mahila Court ने DMK समर्थक Gnanasekaran को उम्रकैद की सजा सुनाई। इस फैसले पर DMK और AIADMK के बीच छिड़ा सियासी घमासान। जानिए पूरा मामला और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं।
DMK AIADMK Clash: चेन्नई की एक महिला अदालत ने अन्ना यूनिवर्सिटी (Anna University) में हुए बहुचर्चित यौन शोषण मामले में आरोपी बिरयानी विक्रेता और DMK समर्थक ज्ञानसेकरन (Gnanasekaran) को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने अपने फैसले में 11 गंभीर धाराओं यौन शोषण, बलात्कार, अपहरण और धमकी में उसे दोषी पाया।
घटना 23 दिसंबर को हुई थी, जब आरोपी ज्ञानसेकरन विश्वविद्यालय परिसर में घुस गया और पहले पीड़िता की दोस्त पर हमला किया। इसके बाद 19 वर्षीय छात्रा के साथ दुष्कर्म किया और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने की धमकी दी। उसे उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था।
राजनीति की गर्माहट: AIADMK का हमला
फैसले के बाद, AIADMK नेता और तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी (Edappadi K. Palaniswami) ने सत्ताधारी DMK सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने जानबूझकर जांच को जल्दबाजी में पूरा किया ताकि इस मामले में शामिल अन्य DMK नेताओं को बचाया जा सके। उन्होंने FIR में दर्ज सर (Sir) नाम के संदर्भ को उठाते हुए पूछा कि इस व्यक्ति की भूमिका की जांच क्यों नहीं की गई। पलानीस्वामी ने कहा: DMK ने ज्ञानसेकरन को ही गुनहगार बताकर बाकी सच्चाई छिपाने की कोशिश की है। असली पर्दाफाश तो AIADMK सरकार बनने के बाद ही होगा।
मुख्यमंत्री स्टालिन की तीखी प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन (MK Stalin) ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस की तत्परता और निष्पक्षता की अदालत ने भी सराहना की है। उन्होंने कहा कि सिर्फ पांच महीने में ट्रायल पूरा कर दोषी को कड़ी सजा दिलाई गई।
स्टालिन ने एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा: महिला अदालत ने पुलिस की उत्कृष्ट जांच की सराहना की है। इससे वो लोग बेनकाब हो गए हैं जो महिलाओं की सुरक्षा की आड़ में सिर्फ राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं। दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ ‘सीमित बुद्धि’ वाले लोग ऐसे गंभीर मामले में भी राजनीति कर रहे हैं।
जनता में उबाल और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
यह मामला चेन्नई सहित पूरे तमिलनाडु में जबरदस्त आक्रोश का कारण बना था। सोशल मीडिया पर #JusticeForAnnaUniversitySurvivor और #WhoIsSir जैसे ट्रेंड्स छाए रहे। लोगों ने जांच की पारदर्शिता और राजनीतिक हस्तक्षेप पर भी सवाल उठाए।
क्या आगे और खुलासे होंगे?
AIADMK की ओर से FIR में दर्ज ‘सर’ का मुद्दा अब राजनीतिक हथियार बन चुका है। आने वाले समय में इस मुद्दे पर और खुलासे और राजनीतिक हमले हो सकते हैं। वहीं, सरकार इस मामले को निष्पक्ष तरीके से निपटाए जाने का दावा कर रही है।