हैदराबाद। आंध्र प्रदेश के अमलापुरम शहर में गुस्साई प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने मंगलवार को भारी तबाही मचाई। गुस्साई भीड़ ने राज्य के परिवहन राज्यमंत्री पी.विश्वरूप व विधायक पोनड्डा सतीश के घरों को आग के हवाले कर दिया। कई बिल्डिंग्स, स्कूल्स में आग लगा दी। हिंसक प्रदर्शन कर रही भीड़ राज्य की कोनसीमा जिला का नाम बदलने से खफा थी। राज्य सरकार ने कोनसीमा जिला का नाम डॉ.बीआर अंबेडर के नाम पर किया है। 
उधर, कोनसीमा जिले में सोमवार से एक सप्ताह के लिए धारा 144 लागू कर दिया गया था। कोट्टापेटा, कटेरेनिकोना और रावुलापलेम निर्वाचन क्षेत्रों के साथ-साथ अमलापुरम और पी गन्नावरम निर्वाचन क्षेत्रों में भी निषेधाज्ञा लागू है।

भीड़ के गुस्से से किसी तरह बचाया मंत्री के परिवार को

जिला का नाम बदलने से हिंसा पर उतारू भीड़ के गुस्से से पुलिस ने किसी तरह परिवहन मंत्री पी.विश्वरूप व उनके परिवार को सुरक्षित निकाला। मंत्री के घर को हिंसक भीड़ ने निशाना बनाते हुए आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने विधायक पोनड्डा सतीश के घर को भी आग के हवाले कर दिया। भीड़ ने एक पुलिस वाहन और एक शिक्षण संस्थान की बस को भी आग के हवाले कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों द्वारा फेंके गए पथराव से कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।

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गर्व महसूस करने की बजाय हिंसा भड़काना गलत

राज्य के गृह मंत्री तनीति वनिता ने कहा कि बीआर अंबेडकर का नाम शामिल करने पर गर्व महसूस करने के बजाय, असामाजिक तत्व हिंसा भड़का रहे। यहां तक ​​कि निजी स्कूल बस में आग लगा रहे। सुश्री वनिता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस घटना में 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। हम घटना की गहन जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। मंत्री ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दलों और असामाजिक तत्वों ने स्पष्ट रूप से आगजनी को उकसाया है।

4 अप्रैल को पूर्वी गोदावरी जिले से अलग हुआ कोनसीमा

बीते चार अप्रैल को नए कोनसीमा जिले को तत्कालीन पूर्वी गोदावरी से अलग करके बनाया गया था। पिछले हफ्ते, राज्य सरकार ने एक प्रारंभिक अधिसूचना जारी कर कोनसीमा का नाम बदलकर बी आर अंबेडकर कोनसीमा जिले के रूप में कर दिया। इसके बाद राज्य सरकार ने नामकरण को लेकर आपत्ति व सुझाव आमंत्रित किया था।

उधर, कोनसीमा साधना समिति ने जिले के प्रस्तावित नामकरण पर आपत्ति जताई है। समिति चाहती है कि कोनसीमा नाम को बरकरार रखा जाए। समिति ने मंगलवार को धरना दिया और नाम बदलने के खिलाफ जिलाधिकारी हिमांशु शुक्ला को ज्ञापन सौंपा। पुलिस ने विरोध को विफल करने की कोशिश की, जिससे प्रदर्शनकारी भड़क गए और हिंसा भड़क उठी।

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