श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) एक जुलाई से शुरू हो गई है। भक्त भगवान भोले का दर्शन कर रहे हैं। इस बीच सेना द्वारा अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा बढ़ाई गई है। तीन लेयर वाली सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। सेना के जवान अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं।

भारतीय सेना के ब्रिगेडियर अमनदीप महली ने बताया है कि ड्रोन की मदद से पूरे रूट पर नजर रखी जा रही है। जवानों को नाइट विजन डिवाइस दिए गए हैं। इसके साथ ही एंटी ड्रोन टीमों और बम स्क्वाड को भी तैनात किया गया है। बेस कैंप से लेकर गुफा मंदिर तक पूरे रूट पर भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ (Central Armed Police Force) के जवानों की तैनाती की गई है।

 

Scroll to load tweet…

 

24 घंटे की जा रही निगरानी

अमनदीप महली ने कहा कि 24 घंटे निगरानी की जा रही है। इसके लिए नाइट विजन डिवाइस और ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। अवांक्षित ड्रोन से पैदा होने वाले खतरे से निपटने के लिए एंटी ड्रोन टीम को तैनात किया गया है। इस दौरान इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि स्थानीय लोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो।

आपदा राहत पर किया गया है फोकस

पिछली घटनाओं से सीख लेते हुए इस साल आपदा राहत पर भी फोकस किया गया है। ब्रिगेडियर महली ने कहा, "पिछले साल बादल फटने की घटना से सबक लेते हुए इस साल आपदा राहत की तैयारी पर विशेष ध्यान दिया गया है। पूरे मार्ग पर हेलीपैड बनाए गए हैं और आपात स्थिति पैदा होने पर डॉक्टरों की तैनाती की तैयारी की गई है।"

62 दिन चलेगी अमरनाथ यात्रा

बता दें कि इस साल अमरनाथ यात्रा 62 दिन चलेगी। 1 जुलाई से इसकी शुरुआत हुई। यात्रा का समापन 31 अगस्त को होगा। इस दौरान रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमला होने का खतरा रहता है, इसके चलते सुरक्षा के बेहद पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पहली बार आईटीबीपी के जवानों को भी तैनात किया गया है।