Amaravati Capital Project को लेकर PM मोदी ने रखी ₹58,000 करोड़ की योजनाओं की नींव, 74 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से नया भविष्य गढ़ने की तैयारी। जानिए अमरावती की ऐतिहासिक यात्रा, किसानों का संघर्ष और चंद्रबाबू नायडू की वापसी के बाद उठी नई उम्मीदें।

Amaravati capital project: कभी शातवाहन राजवंश की राजधानी रही अमरावती (Amaravati), अब दोबारा एक ऐतिहासिक सफर पर निकल चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शुक्रवार को यहां 58,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास कर अमरावती को आंध्र प्रदेश की वास्तविक राजधानी के रूप में पुनर्जीवित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया।

इनमें से 49,000 करोड़ रुपये केवल अमरावती के 74 प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निवेश होंगे, जिनमें विधान सभा भवन (Legislative Assembly), सचिवालय (Secretariat), उच्च न्यायालय (High Court) और न्यायिक अधिकारियों के आवास शामिल हैं।

अमरावती की कल्पना: किसानों की ज़मीन, सपनों की राजधानी

2014 में तेलंगाना गठन के बाद जब हैदराबाद राज्य से अलग हुआ, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) ने अमरावती को नई राजधानी बनाने की घोषणा की थी। विजयवाड़ा और गुंटूर के बीच स्थित इस इलाके में 29 गांवों के लगभग 30,000 किसानों से 33,000 एकड़ उपजाऊ ज़मीन जुटाई गई थी।

किसानों को विकास के बाद भूखंड और आर्थिक लाभ देने का वादा किया गया। लेकिन जब 2019 में वाईएस जगनमोहन रेड्डी (YS Jagan Mohan Reddy) की सरकार आई तो अमरावती योजना पर विराम लग गया। सरकार ने तीन राजधानियों (Three Capitals Plan) का प्रस्ताव रखा — कार्यपालिका के लिए विशाखापत्तनम, न्यायपालिका के लिए कर्नूल और विधायिका के लिए अमरावती।

कानूनी लड़ाई और किसानों का आंदोलन

2019 से 2024 तक अमरावती किसानों ने Amaravati Parirakshana Samithi जैसे संगठनों के ज़रिए लगातार प्रदर्शन, पदयात्रा और कानूनी याचिकाओं के माध्यम से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया। कई अंतरराष्ट्रीय साझेदार-जैसे सिंगापुर और जापान की कंपनियां -इस अनिश्चितता के कारण पीछे हट गईं। CAG की 2023 की रिपोर्ट ने भी खर्चों में गड़बड़ी, भूमि आवंटन में असंगतता और 15,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च के बावजूद प्रगति न होने पर सवाल उठाए।

2024 में नई शुरुआत, NDA के साथ वापसी

2024 में नायडू की NDA के साथ सत्ता में वापसी ने अमरावती को दोबारा मुख्यधारा में ला दिया। उनके चुनावी वादों में किसानों को न्याय और अधूरी राजधानी परियोजना को पूरा करना मुख्य मुद्दा रहा। राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री नदेंदला मनोहर ने इनावोलु गांव में किसानों से कहा कि आपके बलिदान से सरकार बनी है, अब 29 गांवों का समग्र विकास किया जाएगा।

भविष्य की रूपरेखा: मेगासिटी और हाई-टेक राजधानी

अब सरकार 40,000 एकड़ और ज़मीन अधिग्रहण की योजना बना रही है। अमरावती को गुंटूर, विजयवाड़ा, ताडेपल्ली और मंगलगिरी जैसे शहरों से जोड़कर एक मेगासिटी बनाया जाएगा। इसके लिए रेलवे लाइन, इनर व आउटर रिंग रोड, और अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।