सार
नई दिल्ली। गुजरात के पोरबंदर में 5 जनवरी को एक ध्रुव हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। इस हादसे में दो पायलट समेत तीन लोगों की मौत हुई थी। घटना की जांच की जा रही है। पता लगाया जा रहा है कि हादसा क्यों हुआ। इस बीच इस हेलीकॉप्टर को बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) ने इसके सभी संचालकों से कहा है कि गुजरात में हुए हादसे का वजह पता चलते तक ध्रुव हेलीकॉप्टर नहीं उड़ा जाएं।
ध्रुव भारत में बना कम वजन और दो इंजन वाला हेलीकॉप्टर है। गुजरात में हादसे का शिकार हुआ ध्रुव हेलिकॉप्टर तटरक्षक बल का था। इसके एफडीआर (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर) और सीवीआर (कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) से प्राप्त आंकड़ों के शुरुआती विश्लेषण से पता चला है कि दुर्घटना से तीन से चार सेकंड पहले पायलटों ने नियंत्रण खो दिया था।
200 फीट की ऊंचाई पर नियंत्रण से बाहर हो गया था हेलीकॉप्टर
इस हेलीकॉप्टर (ALH मार्क-III ) को जून 2021 में HAL से लिया गया था। ALH मार्क-III ने 90 मिनट की ट्रेनिंग उड़ान पूरी की थी। इसके चालक दल ने अगली उड़ान के लिए "रनिंग चेंज" किया था। 5.5 टन का हेलिकॉप्टर 200 फीट की ऊंचाई पर मंडरा रहा था तभी अनियंत्रित होकर जमीन पर गिर गया। क्रैश होते ही हेलीकॉप्टर में आग लग गई थी।
इस हादसे में दो पायलट कमांडेंट सौरभ और डिप्टी कमांडेंट एस के यादव तथा एयर क्रू डाइवर मनोज प्रधान की मौत हो गई। पिछले साल सितंबर में अरब सागर में क्रैश हुए तटरक्षक बल के ध्रुव हेलीकॉप्टर में सवार दो अन्य पायलट और एक एयरक्रू डाइवर की मौत हुई थी।
गुजरात में हुए हादसे के बाद सशस्त्र बलों ने अपने सभी 330 ALH के उड़ान को अस्थायी रूप से रोक दिया है। चार बड़ी दुर्घटनाओं के बाद 2023 में तकनीकी जांच के लिए पूरे ALH बेड़े को भी दो-तीन बार रोका गया था। ALH में बिजली और गियर बॉक्स से जुड़ी गड़बड़ी की रिपोर्ट सामने आई है।
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